देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की चेतावनी भी जारी कर दी है। ऐसे में सरकार द्वारा तैयारियां शुरू हो गई। बड़े स्तर पर लोगों को कोविड टीका लगाया जा रहा है।

हालांकि कोरोना की तीसरी लहर से सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों को रहेगा। ऐसे में कई राज्यों ने शिशु कोविड सेंटर बनाना भी शुरू कर दिया। यहां तक महाराष्ट्र के अहमदनगर में आठ हजार से ज्यादा बच्चों के कोरोना संक्रमित होने से चिंता बढ़ गई है।

इस बीच एसबीआइ इकोरैप ने 12 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण पर जोर लगाने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट का मानना है कि इस वर्ग समूह में 17 करोड़ लोगों को टीका लग जाए तो तीसरी लहर पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी।

एसबीआई इकोरैप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना से लड़ाई में अगर हमारी तैयारी बेहतर रही तो दूसरी लहर की तुलना में गंभीर मरीजों की संख्या काफी कम हो सकती है।

वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है यदि तीसरी लहर आए तो हम अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों से यहां काम करा सकें। इस तरह की कोविड इलाज की ट्रेनिंग स्वास्थ्य कर्मियों को देनी होगी। आईसीयू बेड चालने की ट्रेनिंग देनी होगी।

जिस तरह फायर सेफ्टी की ट्रेनिंग कराई जाती है उसी तर्ज पर अस्पताल में डॉक्टर, नर्स सुरक्षा कर्मी इन सभी लोगो को कोविड की ट्रेनिंग करानी चाहिए. इससे लहर से निपटने से आसानी होगी। हर व्यक्ति का इस्तेमाल होना चाहिए।

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