गोरखपुर: भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग अधिनियम के मानकों का उल्लंघन करने पर एनईईसी रेलवे इंप्लॉयज मल्टी स्टेट प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गोरखपुर पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने यह कार्रवाई को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा ज्यादा लोन बांटने पर की है।

उधर, पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के प्रवक्ता एके सिंह व महामंत्री विनोद कुमार राय ने कहा है कि बैंक पर लगा जुर्माना इस बात को प्रमाणित करता है कि इस बैंक का निदेशक मंडल और सचिव पूरी तरह से अंशधारकों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। रिजर्व बैंक के दिशा- निर्देश के अनुसार किसी भी बैंक का प्रशासनिक व्यय दो ढाई प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन इस बैंक का प्रशासनिक खर्च दस से ग्यारह प्रतिशत है। पिछले दिनों महाप्रबंधक रिजर्व बैंक से मिलकर प्रतिनिधिमंडल इसकी शिकायत भी की थी।

बैंक के पास 60 करोड़ रुपये की शेयर राशि है। मुश्किल यह है कि अब उसे डिपाजिट नहीं माना जा रहा है। बैंक का सीडी रेशियो पहले की अपेक्षा सुधरा है। आरबीआई की कार्रवाई का कोई असर बैंक के खाताधारकों पर नहीं पड़ेगा। आरबीआई के फैसले पर पुनर्विचार के लिए अपील कर दी गई है।

वर्ष 2016 की ऑडिट में भी बैंक को लोन ने देने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि बैंक प्रशासन का कहना है कि उनके पास शेयर होल्डर ज्यादा हैं लेकिन नियमों में बदलाव के चलते अब इसे जमा राशि नहीं मानी जा रही है।

सुनील सिंह, सचिव रेलवे को-ऑपरेटिव बैंक

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