देवोत्थान एकादशी: चातुर्मास के दौरान पाताल लोक में निद्रा में लीन रहे भगवान विष्णु देवोत्थान एकादशी के दिन जागते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी कहते हैं। इसके बाद एक बार पुन: भगवान विष्णु पूरी सृष्टि का पालन पोषण करेंगे और इसी दिन से विवाह, लग्न समेत अन्य शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
एकादशी 14 नवंबर को सुबह 5:48 बजे से अगले दिन सुबह 6:39 बजे तक होगी। भाद्रपद नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि, शिवराज और हर्षण योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करके उन्हें भक्तगण विश्राम से उठाएंगे।
ताजनगरी के लगभग सभी मैरिज होम फुल हैं। सहालग देवोत्थान 14 नवंबर से शुरू हो रहा है। 15, 16, 20, 21, 28, 29 व 30 नवंबर को शादियां होंगी। वहीं, एक, दो, छह, सात, आठ, नौ, 11 व 13 दिसंबर को भी भारी सहालग है।
दो साल के लंबे इंतजार के बाद शादियों की रौनक फिर से लौट आई है। 14 नवंबर यानी रविवार को ही ताजनगरी में सैकड़ों शादियां हैं।