संकट : विश्व के दूसरे क्षेत्रों का विश्लेषण करते हुए यह रिपोर्ट सोमवार को अध्ययनकर्ताओं ने दी। कि विश्व के 25 शहर धरती की फिजा में घुल रही करीब 52 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैसों और जहरीली हवाओं के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें से 23 शहर अकेले चीन के हैं। बाकी दो शहर मास्को और टोक्यो हैं।
अध्ययन में भारत सहित 53 विकसित और विकासशील देशों के शहर हैं। इसमें यह भी साफ किया गया है कि प्रति व्यक्ति के लिहाज से ग्रीनहाउस उत्सर्जन देखें तो विकासशील के मुकाबले विकसित देशों के शहर कहीं आगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार जहां चीन सबसे अधिक उत्सर्जन जिम्मेदार है वहीं अमेरिका और यूरोपीय संघ और भारत से भी बड़े स्तर पर योगदान हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर अब भी हमने इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाया तो जलवायु परिवर्तन को कोई नहीं रोक सकेगा।
महानगर भी बने जिम्मेदार
विशेषज्ञों ने कहा, उत्सर्जन की प्रमुख वजह महानगर भी बन रहे हैं। यहां अनियंत्रित औद्योगिकीकरण रोकना अधिकतर देशों के लिए असंभव हो रहा है। लगातार औद्योगिकीकरण होता जा रहा है, 167 में से केवल 58 देशों ने उत्सर्जन कम करने के लिए तैयार हुये हैं। वहीं सिर्फ 30 शहरों को ही कुछ सफलता मिली। चीन जैसे देश अपने शहरों को हर प्रकार की चीजों के उत्पादन का केंद्र बनाना चाहते हैं। वे टनों उत्सर्जन कर रहे हैं इन पर कोई नियंत्रण भी नहीं है।