अफगानिस्तान संकट: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बिगड़ते अफगान के हालात को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने 26 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को विभिन्न दलों को अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रमों की जानकारी देने का निर्देश दिया। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर विभिन्न दलों के नेताओं को अफगानिस्तान के ताजा हालात से अवगत कराएंगे। इस दौरान सरकार अफगानिस्तान में निवेश, तालिबान सरकार को मान्यता सहित अन्य मुद्दों पर अपना पक्ष रखेगी।
सर्वदलीय बैठक के संबंध में विदेश मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने से अलग-अलग जानकारी दी। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में उभरे हालात को देखते हुए पीएम मोदी ने विदेश मंत्रालय को राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को जानकारी देने का निर्देश दिया है। इसके तत्काल बाद जोशी ने बताया कि बैठक बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे होगी।
इस बैठक में विदेश मंत्री विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देंगे। बैठक संसद भवन के एनेक्सी में बुलाई गई है। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान ने इस महीने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। काबुल समेत देश के करीब-करीब सारे प्रमुख शहर उसके नियंत्रण में आ चुके हैं। भारत ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। इसके अलावा अफगानिस्तान में व्यापक निवेश किया है। सरकार ने अब तक तालिबान शासन के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।
अफगानिस्तान को लेकर सरकार देखो और इंतजार करो की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। अब तक पाकिस्तान को छोड़कर किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। इस समय सरकार का सारा ध्यान वहां फंसे अपने नागरिकों के साथ अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोगों को बाहर निकालने पर है। भारत को प्रतिदिन दो उड़ानों के परिचालन की अनुमति मिली है। इसके तहत अब तक 500 लोगों को स्वदेश लाया गया है।