सरकार भानु प्रताप तिवारी(अधिवक्ता)
निष्पक्ष पत्रकार
महराजगंज-उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर सटे महराजगंज जनपद का यह मामला सामने आया है जहां प्राथमिक विद्यालय मिठौरा क्षेत्र के टिकर ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय का है विद्यालय की है जांच करने के लिए जब एरा न्यूज़ इंडिया की टीम पहुचती है तो रंगे हाथों पकड़े गए सहायक अध्यापक वाजिद खान जो भोजपुरी फिल्मों के अश्लील गानों पर छोटे बच्चियों को नचा रहे थे , अचानक निरीक्षण में रंगे हाथों पकड़े गए मौलाना वाजिद खान साहब जो शिक्षा के मन्दिर में अश्लील गानों पर छोटे बच्चियो को नचा रहे थे ,जब उनसे पूछा गया किसके आदेश से आप विद्यालय में गाना बजा रहे थे तो उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल ने आदेश दिया है बच्चो को मनोरंजन कराने के लिए अब यह सोचने का विषय ये है की शिक्षा का मन्दिर कहे जाने वाले प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को को अश्लीलता फैलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं न कि बेहतर शिक्षा देने की, जबकि उनके माता पिता भेजते है पढ़ने के लिए तो वही ऐसे प्रधानाध्यापक राघवेन्द्र पटेल और सहायक अध्यापक वाजिद खान के जैसे कुछ अधयापक भी है जो शैक्षणिक संस्थानों को भी गन्दा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। जब इस मामले की पुष्टि करने के लिए एक बच्ची से ये पूछा गया कि कौन सा गाना बज रहा था तो बच्ची ने जवाब दिया कि (लौण्डिया लंदन से लायेंगे रात भर DJ बजायेंगे )तो आप वीडियो में देख सकते है कि बच्चे ने कितने आसानी से कह दिया लेकिन उन बच्चों को क्या मालूम वो कौन सा मन्दिर है वहा क्या तालीम इन सरकारी शिक्षकों के द्वारा दी जाती है लेकिन इसी तरह के शिक्षक समाज और शिक्षक नाम को कलंकित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे है,जब इस मामले में मौलाना वाजिद खान ने कहा सर कुछ ले देकर मैनेज कर लीजिये वो मीडिया टीम को घुस देने के लिए उकसा रहे थे,उसकी भी वीडियो मौजूद है ,जब इस मामले में मीडिया टीम ने प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल से बात करी तो उनका कहना ये था जो करना है कर लीजिए हमारा मेरा विद्यालय है जो चाहे वो करूँगा मैंशिक्षक संघ का कोषाध्यक्ष हूँ मेरा कौन क्या कर लेगा आपको जो छापना है छाप दीजिये ये सब कहते हुए पत्रकारों को गाली भी दिए और उन्होंने कहा कि आप बिना परमिशन के विद्यालयों के अंदर जा भी नहीं सकते है अब सवाल ये उठता है कि परमिशन किसका और क्यों जब इस बात की सच्चाई जानने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार से बात की गई तो उनका ये कहना था कि मेरे बिना आदेश के आप किसी भी विद्यालय में निरीक्षण नहीं कर सकते है। जब खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार से ये पूछा गया कि ये आदेश आपने जारी किया है तो उन्होंने बिना कुछ कहे फोन काट दिया ,ऑडियो मौजूद//जानकारी के अनुसार यह भी पता चला कि एक नया आदेश है जारी मिठौरा खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार के द्वारा ,उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों को ताख पर रख के नया आदेश बना डाला खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार ने…? बिना परमिशन के कोई पत्रकार किसी प्राथमिक विद्यालय पर नहीं जा सकता है मिठौरा खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार पत्रकारों को बता रहे नया नियम ,नए आदेशो का कर रहे है खुलासा, अभी तक तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आदेश जारी करता था अब SDI भी उच्च शिक्षा विभाग के विपरीत दिशा में जाकर आदेश जारी कर रहे हैं जिसमे कोई पत्रकार किसी प्राथमिक विद्यालय में जाकर खबर कवरेज नहीं कर सकते हैं और वैसे खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार का कहना ये है कि बिना मेरे आदेश के विद्यालय में नहीं जा सकते जहाँ शिक्षक खुद ही सन्देह के घेरे में हो जहाँ वो शिक्षा के नाम पर भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है तो दूसरी तरफ प्रथामिक विद्यालय टिकर के प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल SDI से विपरीत दिशा में आदेश करके मनमानी ढंग से सरकारी विद्यालय को संचालित कर रहे हैं इतना ही नहीं सहायक अध्यापक वाजिद खान से बात चीत में यह भी पता चला कि प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल सिर्फ हाजरी बना कर चले जाते है और प्राथमिक विद्यालय पर उपस्थित नहीं रहते है।अब शिक्षा के मंदिर में इस तरह से बच्चों को ये मौलाना साहब वाजिद खान जी अश्लील गानों पर नचा रहे है वही दूसरी तरफ योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर साबित करने के लिए तरह तरह के दावे कर रही है कही न कही ऐसे शिक्षकों के वजह से ही शिक्षकों और सरकारी स्कूलों का स्तर गिरता जा रहा है। अब देखना ये है कि जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करती है ऐसे शिक्षकों के ऊपर जो सरकार के विरुद्ध एक नया नियम चला रहे हैं और साथ मे खण्ड शिक्षा अधिकारी के सह पर जो खुद उच्च शिक्षा विभाग के बिना आदेश के विपरीत कार्य कर रही हैं।
आपको बताते चले कि खबर चलाने के बाद उक्त पत्रकार बंधुओं के विरुद्ध फर्जी तरीके का सदेश जारी करते हुए टिकर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल पत्रकारिता को बदनाम करने के लिए एक संदेश जारी किया है जो कि पूर्णयता बेगुनियाद है और जो सन्देश उन्होंने जारी किया है उसमें वो खुद भी कुबूल कर रहे है कि बच्चे ब्लूटूथ सिस्टम से मोबाइल में गाने बजा कर डांस कर रहे थे इतना ही नहीं उन्होंने सन्देश में यह भी लिखा है कि तथाकथित पत्रकार अपने आप को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बताते है और वो विद्यालय के अंदर जबरन घुस जाते है और वीडियो बनाने के बाद ब्लैकमेल करने लगते है तो सवाल ये उठता है कि वीडियो किस टाइप का की शिक्षा विभाग उस वीडियो की अभी तक जांच नहीं कि और कुछ चाटूकार पत्रकारिता करने वाले लोग अपने अखबारों के माध्यम से उनके विद्यालय को बचाते हुए उन्होंने ये लिखा है कि विद्यालय में फर्जी पोर्टल के पत्रकारों के द्वारा एडिट करते हुए वीडियो बनाये है अगर ऐसा होता है तो मौके पर एक बच्ची का बयान जो उसी विद्यालय की छात्रा है जो कक्षा 4 में पढ़ती है और उसने कहा कि सर ऐसे गाना बजा रहे थे जब इस मामले को लेकर एरा न्यूज चैनल की टीम ने खबर चलाया तो प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल ने तमाम रहनुमा टाइप के लोगो से फोन करा कर पत्रकारिता का मतलब पत्रकारो को सिखाया/ ऑडिओ मौजूद
सूत्रों से यह भी पता चला कि अनुसार बता दे कि जब इस मामले को लेकर शनिवार दोपहर जिला बेशीक शिक्षा अधिकारी से वाया फोन संपर्क किया गया तो उनसे बात चीत के दौरान ये कहा गया की उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है लेकिन वो जांच करते है और फिर बताते है जब शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने वाले शिक्षकों की सच्चाई कोई भी पत्रकार लिखता है तो उसे ऐसे तमाम दलाल किश्म के लोग फोन करके ज्ञान देंना शुरू कर देते है और इतना से मन नहीं भरता है तो अध्यापकों के द्वारा ब्लैकमेल करने की धमकी भी देते हुए मुकदमा करने की बात करने लगते हैं आपको बताते चले कि जिस सन्देश को प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल ने पत्रकारों को बदनाम करने के लिए वायरल किया है उस मे ये लिखा हुआ है कि उक्त पत्रकारों ने वहां के शिक्षकों से पैसे मांगे है जबकी उनके वहां तैनात सहायक अध्यापक मौलाना वाज़िद खान वीडियो में 1000 रुपये देते हुए ये कह रहे है कि सर गाड़ी का पेट्रोल का खर्चा ले लीजिए बाकी हम आपको देते रहेंगे *विडीयो मौजूद* अब सवाल ये उठता है अगर ये वीडियो फर्जी है तो क्या उस बच्ची का कथन झूठ है? आखिर उस बच्ची को किसका डर बच्चे भगवान का रूप होते है और बच्चे सच बोलते है।क्या टिकर प्रथामिक विद्यालय में घटित इस शर्मनाक घटना को दूसरा मोड़ देना चाहते है वहा के तैनात प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल या योगी सरकार के कार्यवाही से डर है जिला बेशीक शिक्षा अधिकारि को इश्लिये मामले में नया मोड़ दिया जा रहा है उक्त चाटूकार पत्रकार ने अपने अखबार में ये भी लिखा है कि स्विफ्ट कार से आये थे और प्रधानाध्यापक राघवेंद्र पटेल जी ने अपने सन्देश में कहा कि मारुती Zen कार से आये थे अब जरा देखिये इन दोनों महानुभव ने जब इस मामले में स्वयं को दोषी बनाते हुए एक चाटूकार पत्रकार भृष्ट अध्यापक को बचाने के लिए गलत लिखता है ? तो दूसरा अध्यापक अपनी शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष होने की गरिमा को बचाने के लिए और और अपना शिक्षक संघ के नेता होने का नेतागिरी झाड़ते हुए लिख रहा है?
योगी सरकार में इन शिक्षकों के ऊपर क्या कार्यवाही होगी ये तो समय बतायेगा लेकिन क्या इन भृष्ट शिक्षकों के ऊपर कोई पत्रकार अगर खबर लिखता है तो उसके साथ ऐसे कृत्य करने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी से लेकर तमाम शिक्षा विभाग के नेताओं का बचाव करना लाज़िम है या फिर ऐसे शिक्षक के ऊपर कार्यवाही कर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर देना उचित है जिससे समाज मे शिक्षा को गन्दा करने के लिए ऐसे शिक्षकों के उपर कार्यवाही उन भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों को एक सिख होगा।
हम आपको अगले भाग में दिखाएंगे की घुस देने और उन लोगो की ऑडियो टेप के साथ जिनका इस खबर से सम्बंधित पत्रकारों से बात चीत हुई है।
तब तक के लिए देखते रहिये।
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