लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार  विभाग के छात्रों ने विशेषज्ञों से संवेदनशील रिपोर्टिंग के तरीके सीखे और आकड़ा पत्रकारिता पर विस्तृत चर्चा की। शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में ऑनलाइन कार्यशाला की दूसरी श्रृंखला का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों नें रिपोर्टिंग में तथ्यों और आंकड़ों के महत्व को समझा। लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, सोशल वर्क विभाग एवं यूनिसेफ की संयुक्त पहल से छात्रों में महिला एवं बाल अधिकार समेत अन्य सामाजिक विषयों की समझ स्थापित करने एवं संवेदनशीलता जगाने के उद्देश्य से कार्यशालाओं की शृंखला आयोजित की जा रही है।

छात्रों को संबोधित करते हुए यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ श्रीमति गीतली त्रिवेदी ने कहा, “ मीडिया में कार्य शुरू करने से पूर्व ही पत्रकारिता के छात्रों में सामाजिक विषयों की समझ होना बेहद महत्वपूर्ण है। छात्रों को सही तथ्यों को रिपोर्ट में शामिल करना और हमेशा सही स्रोत से आंकड़ों एवं जानकारी की पुष्टि करने की आदत विकसित करनी चाहिए ताकि जनता के बीच किसी प्रकार की ग़लत खबर न जाए।“

डॉ हर्ष मिश्रा हिमाचल यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर  ने अपने व्याख्यान में आंकड़ो के इश्तेमाल में उठने वाले नैतिक मुद्दों के  बारे में विस्तार  से चर्चा कि जिसमे निजता भी एक प्रमुख मुद्दा है इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला। वही वरिष्ठ पत्रकार अजय मोहन ने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम, से आंकड़ो के प्रस्तुतीकरण  और उनके सारणियन  के बारे में विस्तार से चर्चा की।

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार  विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मुकुल श्रीवास्तव ने आमंत्रित आथितियो का स्वागत करते हुए कहा कि आंकड़ा इस वक़्त दुनिया का नया तेल है जो दुनिया कि अर्थव्यवस्था पर असर डाल रहा है और इसके इस्तेमाल के लिय जागरूकता की  सख्त आवश्यकता है। छात्रों ने विशेषज्ञों से चर्चा की एवं मीडिया में कार्य के अनुभव जानें। कार्यशाला क संचालन जीव विज्ञान विभाग की असोसिएट प्रोफ़ेसोर डॉ गीतांजली मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सोशल वर्क विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो अनूप भारतीय द्वारा किया गया।

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