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भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा इतिहास के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने, ढाई साल की उम्र में शुरू किया था खेल

भारतीय मूल के 12 वर्षीय अमेरिकी शतरंज खिलाड़ी अभिमन्यु मिश्रा ने इतिहास रच दिया है. न्यू जर्सी में रहने वाले अभिमन्यु दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं. उनसे पहले यह रिकॉर्ड रूस के सर्गेई कर्जाकिन के नाम था जिन्होंने यह कारनामा साल 2002 में किया था. अभिमन्यु ने बुडापेस्ट में आयोजित ग्रैंडमास्टर टूर्नामेंट में भारतीय ग्रैंडमास्टर लियॉन मेनडोंका को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है. अभिमन्यु ने बुधवार बुडापेस्ट में भारत के ग्रैंडमास्टर लियोन को हराकर यह उपलब्धि अपने नाम की.

उन्होंने काले मोहरों से खेलते हुए लियोन को मात दी और 2600 रेटिंग अंक हासिल किए. इससे पहले नवंबर 2019 में अभिमन्यु दुनिया के सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे. तब उन्होंने भारत के आर प्रागनंदा का रिकॉर्ड तोड़ा था. अभिमन्यु ने कहा, लियोन के खिलाफ मैच मुश्किल था, लेकिन उसकी ओर से एक गलती और मैंने मील का पत्थर पार कर लिया. मैं इस उपलब्धि को हासिल करके राहत और खुशी दोनों महसूस कर रहा हूं.

वहीं अभिमन्यु के पिता हेमंत कहते हैं, ‘हम जानते थे कि यूरोप में टूर्नामेंट में हमारे लिए बड़ा मौका था. हमारे पास एकतरफा टिकट थे और एक के बाद एक टूर्नामेंट खेलने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में बुडापेस्ट पहुंचे. यह एक सपना था जिसे मैंने, मेरी पत्नी स्वाति और अभिमन्यु ने साझा किया और इस भावना का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं.

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