MSME के दायरे में खुदरा एवं थोक व्यापारी, पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक कदम

केन्द्र सरकार ने रिटेलर्स और होलसेल कारोबारियों को सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम के दायरे में शामिल कर लिया है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के खुदरा और थोक व्‍यापारियों को भारी नुकसान हुआ है, इससे उबारने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है. इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी. उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा. हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

बता दें कि केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की शुक्रवार को घोषणा की थी. इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे खुदरा एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल लोन मिल सकेगा. खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है.

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