यूपी: यूपी में ट्रैक्टर-ट्रॉली के हादसे के बाद सरकार ने गठित की पांच सदस्यीय टीम, अलग-अलग रंग के हो सकते हैं खेती व व्यवसाय में लगे ट्रैक्टर-ट्रॉली

यूपी: उत्तर प्रदेश में पहले लखनऊ, फिर लखीमपुर और कानपुर में ट्रैक्टर-ट्रॉली के हादसे में हुई मौतों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार अब इनके सुरक्षा मानकों पर मंथन कर रही है।

इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है जो यह तय करेगी कि कृषि और गैर कृषि कार्यों में लगे ट्रैक्टर-ट्रॉली का रंग अलग अलग होना चाहिए। उसे दीपावली से पहले ही रिपोर्ट शासन को सौंपनी है।

दरअसल ट्रैक्टर-ट्रॉली का खेती के अलावा व्यावसायिक कार्यों में भी भरपूर इस्तेमाल हो रहा है। कृषि और गैर कृषि में इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रैक्टर का पंजीकरण भी आरटीओ कार्यालय में अलग-अलग ही होता है। ऐसे में इनकी पहचान के लिए सरकार इनका रंग अलग-अलग करना चाहती है।

इसके लिए बनी कमेटी ट्रॉली निर्माताओं से भी बात करेगी क्योंकि ट्रैक्टर का तो केवल रंग बदलने से काम चल जाएगा, पर ट्रॉली में सुरक्षा मानक उसके कार्य के आधार पर ही तय किए जाएंगे। साथ ही इसके लिए वर्ष 2000 में बनाए गए नियमों का भी अध्ययन कर सुधार किया जाएगा।
इन 👇👇 पांच नए नियमों को रिपोर्ट में शामिल कर सकती है समिति…
कृषि और गैर कृषि ट्रैक्टर-ट्रॉली के रंग में बदलाव।
वाहन फोर सॉफ्टवेयर में ट्रैक्टर का ब्योरा दर्ज हो।
हर दो साल में फिटनेस
ट्रॉली के पीछे एंडीकेटर
सुरक्षा के लिए बदलाव।