कसया/कुशीनगर(विनय त्रिपाठी)।
तहसील कार्यालय परिसर में आए दिन आय, निवास , जाति व अन्य शासकीय कार्यों में दलाली के चक्कर में परिसर में असामाजिक तत्व बैठते हैं।वे आम लोगों को परेशान कर उनसे जबरन रुपए वसूलते हैं।कतिपय लोगों के पास न तो दस्तावेज लेखक का लाइसेंस है और न ही वे स्टांप वेंडर है।
बताते चलें कि कुशीनगर जिले के कसया तहसील में अनधिकृत रूप से लेखपाल की जगह दलाल उनकी कुर्सी पर बैठे हैं। यही नहीं रुपयों पैसों से लेकर कागजी कार्रवाई तक इनके हाथ में अधिकार दे दिया गया है।आखिर यह अधिकार इन दलालों को किसने दिया? क्या कसया तहसील में ही दलालों द्वारा धन उगाही का यह गोरखधंधा तहसीलदार एवं उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है? इनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं किया जा रहा है यह एक चिंता का विषय है।
ताजा मामला कुशीनगर जिले के कसया तहसील का है। जहां पर सत्य प्रकाश तिवारी जो खुद लेखपालों का कार्य तहसील में बैठकर करता है। जब रिपोर्टर कसया तहसील गया। तो उसने देखा कि लेखपालों द्वारा हर कार्य की जिम्मेदारी पब्लिक से उनका संपूर्ण दस्तावेज लेकर उन्हें उनका कार्य पूरा कराने का दावा करता है। साथ ही उनसे पैसे भी लेता है। उसके द्वारा लिया गया पैसा आखिर किसके पास जाता है।
अखिर इन जैसे दलालों को अधिकार तहसील में कौन जारी करता है या घुसने कौन देता है यह तो जिम्मेदार ही बता पाएंगे कि जिम्मेदारों के कार्य क्षेत्र में रुपयों पैसों इत्यादि से लेकर कार्य कराने की जिम्मेदारी कौन अधिकारी जारी करता है।
दलालों के इन काली करतूतों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या वायरल वीडियो देखने के बाद एसडीएम कसया व तहसीलदार कसया, तहसील कसया को भ्रष्ट बनाने का कार्य कर रहे इन दलालों पर दंडात्मक कार्यवाही करेंगे या नही?
