जानिए क्यों शशि थरूर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के विशेषाधिकार प्रस्ताव को कहा अवैध

नई दिल्ली: IT पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के खिलाफ निशिकांत दुबे की ओर से विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करने के एक दिन बाद थरूर ने कहा कि विशेषाधिकार प्रस्ताव को पेश करने में किसी गठित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, इसलिए यह वैध नहीं है।

शशि थरूर ने कहा कि अध्यक्ष को सदन की सहमति और 25 सदस्यों के खड़े होने और समर्थन करने की आवश्यकता होती है। लेकिन, प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान ऐसा नहीं हुआ था। इसलिए विशेषाधिकार की कोई भी वैधता नहीं है और यह अवैध हुआ।

इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर दुबे के आरोपों को लेकर थरूर ने भाजपा सांसद के दावों पर सवाल उठाया और कहा कि वह उस बैठक में की गई किसी की टिप्पणी के बारे में कैसे जान सकते हैं जो बैठक हुई ही नहीं। दुबे ने बुधवार को दावा किया था कि आईटी समिति की बैठक के दौरान मोइत्रा ने मुझे ‘बिहारी गुंडा’ कह कर संबोधित किया।

शशि थरूर का कहना है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई कथित तौर पर ऐसी बैठक में कुछ कहता है जो कभी हुई ही नहीं और ऐसे व्यक्ति से कहता है जो वहां था ही नहीं, तो ऐसे में क्या ही बोला जाए?’ थरूर ने दुबे पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने रजिस्टर में दस्तखत तक नहीं किए थे, हमें कैसे पता होगा कि वह वहां पर थे भी या नहीं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *