वाराणसी: सांपों को पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है। वाराणसी के मिर्जामुराद बाजार निवासी रतन को लोग कोबरा के नाम से जानते है। रतन के सांप पकड़ने की कला का काफी चर्चा है। सांप देखते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं और बात अगर पकड़ने की हो फिर तो हर कोई पीछे ही हटना चाहेगा। सांप का नाम सुनते ही सभी के मन में दहशत फैल जाती है।
लोग किसी भी कीमत पर उसे मारना चाहते हैं। लेकिन वाराणसी के रतन सांपो का दोस्त है। सांपों की दुनिया का खौफ रतन को जरा भी नहीं। वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र में सर्प निकलने पर हर आदमी के दिमाक में रतन का नाम सबसे पहले आता है। सर्प पकड़ने के शौकीन रतन के सामने बड़े विषधर सर्प भी नत मस्तक हो जाते हैं। वह सांपों को काफी सहजता से पकड़ लेता है।
रविवार को गौर ग्राम बस्ती निवासी शालिक राम के नवनिर्मित मकान में एक कोबरा सर्प निकला। सूचना पर पहुंचे रतन ने छोटे डंडे के सहारे अपने युक्ति से ईंट के ढेर में घुसे सर्प को बाहर निकालकर पकड़ा। इधर सर्प के आक्रामक मुद्रा को देखकर लोग भागे लेकिन रतन ने कोबरा सर्प को पकड़कर बड़े डिब्बे में बंद कर लोगों से छोड़ने के लिए ले गया। चाहे कितना भी खतरनाक सांप हो तुरंत इसे ये काबू में कर लेते हैं।
घड़ी की दुकान करने वाले रतन का कहना है कि वे सांपों को पकड़ने के लिए कोई पैसा नहीं लेते। वे समाजसेवा के लिए यह काम करते हैं। रतन को आसपास के जिले के लोग सांप पकड़ने के लिए बुलाते हैं।
