यूपी: महराजगंज में नशीली दवाओं के कारोबार का मामला गोरखपुर से जुड़ता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर नशीली दवाएं गोरखपुर से ही महाराजगंज भेजी गईं हैं। ये दवाएं तस्करी के जरिए नेपाल जानी थीं। इतनी बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं का महराजगंज पहुंचना यह संकेत करता है कि कहीं न कहीं इसमें थोक मंडी भालोटिया के भी कुछ लोग शामिल हैं। इसकी जांच विभाग ने अपने स्तर से शुरू कर दी है। विभाग यह पता करने में जुट गया है कि आखिर दवाओं की इतनी बड़ी खेप कहां से गई और कौन-कौन से लोग इस काम में शामिल हैं।
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ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि महराजगंज में जांच शुरू कर दी गई है। वहां से रिपोर्ट का इंतजार है। बता दें कि 686 करोड़ रुपये की छह प्रकार की नशीली दवाएं महराजगंज में बुधवार को पकड़ी गई हैं। इनमें से चार ब्रांडेड कंपनियों की हैं। सभी जेनरिक हैं। इस प्रकार की दवाओं का कारोबार भालोटिया मार्केट में होता है। बताया जा रहा है कि कुछ व्यापारियों व फर्म के नाम की जानकारी मिली है। इसी आधार पर जांच का निर्देश भी विभाग को मिला है। इसे लेकर दवा विक्रेता समिति ने भी सवाल उठाए हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच कर ऐसे व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
गोरखपुर रेंज के एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि नशीली दवाओं की 686 करोड़ की खेप पकड़ी गई है। प्रतिबंधित इंजेक्शन भी बरामद किया गया है। महराजगंज पुलिस, एसडीएम निचलौल व एसएसबी की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। एक आरोपी पकड़ा गया है। मामले की जांच जारी है। हर बिंदु की पड़ताल कराई जा रही है।
दवाओं की खेप के साथ पकड़े गए आरोपियों से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर ड्रग विभाग उससे संबंधित व्यापारियों की पहचान और जांच में जुट गया है।
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने बताया कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। इतने बड़े पैमाने पर बरामदगी ड्रग विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। विभाग को अपनी सक्रियता बढ़ानी चाहिए।