एक प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल समूह ने उसके अस्पतालों में कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के कारण भर्ती हुए और बाद में बीमारी से उबर चुके लोगों पर एक अध्ययन किया है जिसमें सामने आया है कि करीब 40 फीसदी मरीजों में कोविड के लक्षण लंबे समय तक रहे। अध्ययन में शामिल 990 मरीजों में से, 31.8 प्रतिशत मरीजों में कोविड से उबरने के बाद के लक्षण तीन महीने से अधिक समय तक रहे और कुछ मरीजो में तो कुछ लक्षण नौ से 12 महीनों तक रहे।

अस्पताल के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यह अध्ययन टेलीफोन पर किया गया और इसमें करीब 1000 मरीजों को शामिल किया गया। यह अध्ययन तीन अस्पतालों में अप्रैल से अगस्त 2020 के बीच भर्ती उन मरीजों पर किया गया है जिनके संक्रमित होने की पुष्टि आरटी-पीसीआर से हुई थी। अध्ययन के लिए अप्रैल-अगस्त 2020 के बीच तीन अस्पतालों में भर्ती सभी मरीजों को फोलो-अप के लिए दो बार फोन किया गया। अध्ययन के मुताबिक थकान सबसे अधिक 12.5 प्रतिशत मामलों में पाई गई। इसके बाद 9.3 फीसदी मरीजों की मांसपेशियों में दर्द पाया गया। जो लोग गंभीर रूप से बीमार हुए थे उनमें सांस लेने में परेशानी के मामले ज्यादा थे।

डॉक्टर ने बताया कि थकान का उम्र से अहम संबंध है और 30 साल से कम उम्र के 44 में से सिर्फ एक मरीज में थकान देखी गई। उन्होंने बताया कि 60 साल या इससे अधिक उम्र के समूह में 21.5 मामलों में थकान की शिकायत की गई। अध्ययन में शामिल मरीजों में अवसाद, चिंता और निंद्रा विकार जैसे लक्षण भी देखे गए। साथ में सांस लेने में परेशानी भी थी। समूह ने दावा किया कि अध्ययन समूह से शरीर के किसी अंग को गंभीर नुकसान पहुंचने की कोई सूचना नहीं मिली।

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