राजघाट पर होगा गैस से दाहसंस्कार, अब होगा प्रदूषण कम

वायु प्रदूषण, वृक्षों की कटाई, नदी का प्रदूषण कम करने के लिए बहुत ही अहम कदम उठाये गए हैं जो की सराहनीय हैं , अक्सर dead body जलाने के बाद बचे अवशेष को पानी मे फेक दिया जाता है, जिससे हमारा जल भी प्रदूषित होता है l और दाहसंस्कार को आसान व सुविधाजनक बनाने के लिए बीआरडी ने राजघाट पर गैस आधारित शवदाह गृह लगवाने की योजना बनाई है। इसी क्रम में शवदाह मशीन बनाने वाली हरियाणा की कंपनी के इंजीनियरों ने मंगलवार को राजघाट पर सर्वे कर प्लांट लगाने की कार्ययोजना तैयार किया।

सर्वे करने आई टीम के मुख्य इंजीनियर वीपी मौर्या ने भारत रक्षा दल के पदाधिकारियों को मशीन लगने वाले स्थान पर होने वाले निर्माण आदि और मशीन की उपयोगिता, संचालन आदि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मशीन से एक मृत शरीर को जलाने में 40 मिनट का समय और 14 किग्रा एलपीजी गैस खर्च होगी। मशीन की लागत 26-27 लाख आएगी।

बीआरडी के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव ने कहा कि इस संबंध में हमारे साथियों ने योजना तैयार कर लिया है। शीघ्र ही इस पर काम शुरू कर देंगे, निर्माण में बड़ी लागत आनी है, लेकिन हम लोगों को खुशी है कि जिनसे भी इस संबंध में चर्चा की गई सब लोग सहयोगी बनने के लिए काफी उत्साहित हैं। आमजन के सहभागिता से यह कार्य संपन्न होगा, इससे दाहसंस्कार में काफी सहूलियत के साथ कई तरह के प्रदूषण पर नियंत्रण होगा।

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