BREAKING NEWS: व्यवस्थाओं को संभाल ना पाने वाली लालगंज पुलिस ने बाल्हेश्वर मंदिर में भक्तों पर किया लाठीचार्ज

सन्दीप मिश्रा

रायबरेली:  रायबरेली सोमवार को लालगंज कोतवाली क्षेत्र के बाबा बाल्हेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज और पत्रकारों से अभद्रता के मामले ने तूल पकड़ लिया है।व्यापार मंडल के पदाधिकारी और मानवाधिकार संगठन ने घटना की निंदा करते हुए आरोपी लालगंज कोतवाल जितेन्द्र सिंह और एसआई मनोज कुमार यादव पर कार्यवाही की मांग की।पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही को लेकर संगठन ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम लालगंज को सौंपा है।वहीं घटना की सूचना पाकर स्थानीय भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह पहुंचे और घटना की निंदा करते हुए उच्चाधिकारियों से मामले की जांच करते हुए कड़ी कार्यवाही की मांग की है।दरअसल श्रावण मास के आखिरी सोमवार को बाबा बाल्हेश्वर मंदिर पर सुबह से ही हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे जहां सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे,लेकिन इस दौरान पुलिसकर्मी ड्यूटी करते नहीं बल्कि कुर्सियों में बैठे रहे जो कि कैमरे में भी कैद हुआ।पुलिसकर्मी कुर्सियों में बैठकर मोबाइल पर व्यस्त दिखे,जबकि पुलिस कर्मियों को इसलिए तैनात किया गया था कि श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दर्शन कराए जाए लेकिन जब भींड़ बढी तो पुलिस ने ताबड़तोड़ श्रद्धालुओं पर लाठियां चला दीं।इसी बीच मौके पर मौजूद पत्रकार आदित्य व यशपाल सिंह पूरी घटना को कैमरे में कैद कर रहे थे।सभी पुलिसकर्मियों की नजर पत्रकारों पर पड़ी और तत्काल मोबाइल छीन लिया और वीडियो को डिलीट करा दिया।यही नहीं पत्रकारों का आरोप है कि उनकी माइक आईडी को जमीन पर पटक कर कोतवाल जितेंद्र सिंह ने तोड़ दिया और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए जांतिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पत्रकारों को मौके से भगा दिया।मामला जब अन्य पत्रकारों के संज्ञान में आया तो मामले ने तूल पकड़ लिया।उधर उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल व्यापार संगठन और मानवाधिकार संगठन भक्तों पर हुई लाठीचार्ज की निंदा करते हुए तत्काल कार्यवाही की मांग करने लगे।यही नहीं सूचना के बाद स्थानीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने भी कार्यवाही का आश्वासन दिया।बहरहाल सवाल यह उठता है कि जब पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए लगाए गए थे तो कुर्सियों पर क्यों बैठकर मोबाइल में फेसबुक और व्हाट्सएप चलाते रहे और जब भींड़ बढ़ी तो उन पर लाठीचार्ज कर दिया।शुरुआती दौर में पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है।अब देखना यह है कि जिले में बैठे उच्चाधिकारी दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्यवाही करते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन व उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन ने एसडीएम लालगंज को ज्ञापन सौंपते हुए घटना की निंदा की है और कहां श्रावण मास के अंतिम सोमवार को मंदिर में आए श्रद्धालुओं द्वारा कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन न करा पाने व अपनी कमियों को छुपाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा भक्तों पर लाठीचार्ज किया गया जब स्थानीय प्रशासन के इस कृत्य का कवरेज करने के लिए स्थानीय मीडिया आई तब उन्होंने मीडिया कर्मियों को बेइज्जत करते हुए उनकी आईडी व माइक तोड़ डाला एवं उन्हें अमर्यादित शब्दों से संबोधित किया जिनका उच्चारण संभव नहीं है।स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया कृत्य बहुत ही निंदनीय व अमानवीय है।राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग करते हुए कहा कि जनहित में आमजन को व देश के चतुर्थ स्तंभ को न्याय दिलाते हुए लालगंज पुलिस प्रशासन द्वारा दिए गए इस अमानवीय कृत्य में संलिप्त समस्त पुलिस बल के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए बर्खास्त किया जाए।वहीं उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने भी श्रावण मास के अंतिम सोमवार में बालेश्वर मंदिर प्रांगण में स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए व्यापारियों एवं श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज व पत्रकारों से की गई अभद्रता के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की कडी निंदा करते हुए एसडीएम लालगंज को ज्ञापन सौंपा है।वहीं इस अमानवीय कृत्य में संलिप्त समस्त पुलिस बल के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए बर्खास्त किए जाने की मांग भी की है।

श्रद्धालुओं के साथ-साथ दुकानदारों पर भी पुलिस ने भांजी लाठियां

वहीं बाबा बाल्हेश्वर मंदिर के आसपास स्थित मकान में लगी दुकानों में बैठे दुकानदारों की मानें तो पुलिस ने उन पर भी लाठियां चलाई और दुकानों को हटवाया। इसके साथ ही दुकानदारों ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने श्रद्धालुओं पर भी लाठियां भांजी।

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