केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अब थावरचंद गहलोत की जगह राज्यसभा में सदन के नेता होंगे. थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यह पद खाली हो गया था जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है. गोयल इस समय में उच्च सदन के उपनेता हैं. अगर वरिष्ठ सांसद के लिहाज से बात करें तो गोयल एक प्रभावी फ्लोर मैनेजर रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हीं के नेतृत्व में तीन तालक और अनुच्छेद 370 जैसे बड़े बिल पारित किए गए है. गोयल के आचरण के चलते उनका राज्य के लोगों और सदन के विपक्षी नेताओं तक के साथ काफी अच्छे संबंध है.
बता दें की पहले गोयल रेल मंत्री थे लेकिन कैबिनेट में फेरबदल होने के बाद वह वाणिज्य और उद्योग सहित तीन विभागों की बागडोर अब इनके हाथ में है. पीयूष गोयल 2010 से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. वहीं गोयल के नाम से पहले राज्यसभा में नेता के लिए भाजपा की तरफ से निर्मला सीतारमण और भूपेंद्र यादव के नाम पर भी विचार विमर्श हुआ था.