चक्रवाती तूफान: बांग्लादेश में चक्रवात सितरंग के कारण 11 लोगों की मौत, मेघालय में हाई अलर्ट, बांग्लादेश में हजारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

चक्रवाती तूफान: बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान ‘सितरंग’ का पश्चिम बंगाल में असर धीरे-धीरे दिखने लगा है। ‘सितरंग’ बंगाल के तटीय इलाकों खासकर सुंदरबन में भारी तबाही बरपा सकता है। कोलकाता समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। पूर्वी मिदनापुर में कई जगह हल्की बारिश हुई।

बांग्लादेश में चक्रवात सितरंग के दस्तक देने के बाद 11 लोगों की मौत की सूचना है। अधिकारियों ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। आपदा मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता के हवाले से एएफपी ने बताया कि बरगुना, नरैल, सिराजगंज जिलों और भोला के द्वीप जिले में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं।

मेघालय में आपदा प्रबंधन अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि सितरंग चक्रवात से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। बांग्लादेश की सीमा से लगे कम से कम चार जिलों में, प्रशासन ने अधिकारियों को चक्रवात के मद्देनजर मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। इन जिलों में पूर्व और पश्चिम के जयंतिया हिल्स, पूर्वी खासी हिल्स और दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स शामिल हैं।

बांग्लादेश में चक्रवाती तूफान की वजह से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में करीब 579 आश्रयस्थल हैं, जहां करीब 28,155 लोगों और 2,736 मवेशियों को कॉक्स बाजार तट से निकालकर भेजा गया है। कॉक्स बाजार के उपायुक्त मामुनूर राशिद ने कहा कि आस-पास के शैक्षणिक संस्थानों को भी जरूरत पड़ने पर आश्रयस्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जान-माल की सुरक्षा के लिए ही लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।

भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि चक्रवाती तूफान सितरंग 24 अक्तूबर को रात 11.30 बजे ढाका से लगभग 40 किमी पूर्व में तटीय बांग्लादेश की ओर केंद्रित रहा। इसके उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और अगले 6 घंटों के दौरान कमजोर पड़ने और बाद के 6 घंटों के दौरान अच्छी तरह से चिह्नित किए गए निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर होने की संभावना है।