किसान आंदोलन: किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का बिगुल बजा दिया है, क्योंकि चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। अब पंजाब के किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे। बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान परिसर में हुई। केंद्र की तरफ से बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल रहे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर और अन्य मामले वापस लेने पर सहमति बन गई थी। वहीं किसानों के सभी प्रकार के लोन और कर्ज माफी पर पेंच फंसा हुआ था। इस दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर और अन्य मामले वापस लेने पर सहमति बन गई थी। वहीं किसानों के सभी प्रकार के लोन और कर्ज माफी पर पेंच फंसा हुआ था।
जानिए किसानों की प्रमुख मांगें……
1* स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
2* फसल बीमा सरकार खुद करे
3* लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
4* लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग
5* किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग
6* पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी
7* 200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले, 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग
8* विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए
9* किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले
10* किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी की मांग
किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ यह दूसरे दौर की बैठक थी। इससे पहले एक बैठक आठ फरवरी को हो चुकी है। इस बैठक में कुछ मांगों पर सहमति बनी थी। मगर अन्य मांगों पर सहमति नहीं बनने पर किसान दिल्ली कूच पर अड़े हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांगों को मान लेती है तो आंदोलन समाप्त करने के बारे में विचार करेंगे।