विधान परिषद चुनाव: राजनीतिक दलों के सामने विधान परिषद चुनाव को लेकर एक बड़ी चुनौती, सपा मे टिकट न पाने वालों को दी जाएगी तवज्जो

विधान परिषद चुनाव: इस समय उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं l इसी बीच निर्वाचन आयोग ने विधान परिषद के चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है l इस वजह से राजनीतिक दलों के सामने एक बड़ी चुनौती भी आ गई है l सपा ने विधान परिषद चुनाव की तैयारी तेज कर दी है।

इस क्रम में पार्टी ने चुनाव लड़ने वाले नेताओं से आवेदन मांगा है। सात एमएलसी पार्टी छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं। इनके स्थान पर नए उम्मीदवार उतारे जाएंगे। सपा की तैयारी है कि चार फरवरी तक उम्मीदवार तय कर लिए जाएं। जहां के एमएलसी भाजपा में चले गए हैं, वहां के लिए जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार की तलाश शुरू की गई है।

विधान सभा चुनाव के लिए आवेदन करने वाले जिन उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिला है, उन्हें एमएलसी चुनाव में तवज्जो दी जाएगी। अन्य सीटों पर ज्यादातर पुराने उम्मीदवार उतारने की संभावना है। बता दें, स्थानीय निकाय प्राधिकारी की जिन 35 सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें 30 सपा के पास हैं।

इनमें से सात सपा एमएलसी रामपुर से धनश्याम लोधी, सुल्तानपुर से शैलेंद्र प्रताप सिंह, झांसी से रमा निरंजन, गोरखपुर से सीपी चंद, बलिया से रविशंकर पप्पू, हाथरस से जसवंत सिंह और गौतमबुद्धनगर से नरेंद्र भाटी भाजपा में जा चुके हैं।

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