दिल्ली हाईकोर्ट ने समान नागरिक संहिता को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. तलाक के एक मामले में फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की आवश्यकता है. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आज का हिंदुस्तान धर्म, जाति, समुदाय से काफी ऊपर उठ चुका है. आधुनिक हिंदुस्तान में धर्म-जाति की बाधाएं धीरे धीरे खत्म हो रही हैं. इस बदलाव की वजह से शादी और तलाक में दिक्कत भी आ रही है. आज की युवा पीढ़ी को इन दिक्कतों से जूझना नहीं चाहिए. इसी के मद्देनजर देश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू होना चाहिए.
बता दें कि समान नागरिक संहिता पर काफी अरसे से बहस जारी है. समान नागिरक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात करें तो ये देशभर में एक समान कानून की मांग करता है. अगर यह संहिता लागू हो जाती है तो सभी धर्म, जाति और समुदाय के लोगों के लिए एक समान कानून लागू होगा. वहीं अगर यह संहिता लागू होती है तो हिंदू, सिख, ईसाई सबके लिए शादी, तलाक और संपत्ति जैसे विवादों का एक ही तरीके से निपटारा किया जाएगा. इस कानून में बच्चों के गोद लेने के भी तरीकों में भी समानता रखी जाएगी.