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BREAKING NEWS: देश में बच्चों के टीकाकरण का इंतजार जल्द होगा खत्म, इसकी शुरुआत अक्तूबर माह से होगी,  बन रही सूची

कोरोना से जंग: देश में जहां 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की कुल आबादी 94 करोड़ है। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की कुल आबादी करीब 12 करोड़ के आसपास है। वयस्कों का टीकाकरण तो काफी तेजी से हो रहा है लेकिन अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन नहीं मिली है। जल्द ही बच्चों के टीकाकरण का इंतजार खत्म होगा। लेकिन उससे पहले सरकार पहले से बीमार बच्चों के लिए एक सूची बना रही है जिसे पूरा होने में फिलहाल दो सप्ताह का वक्त लग सकता है। इसके बाद देश के हर जिले में इस सूची के आधार पर बच्चों का चयन होगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत अक्तूबर माह से होगी।

पहले से बीमार बच्चों के लिए सरकार ने एक समिति गठित की थी जिसकी अब तक पांच बार से अधिक बैठक हो चुकी हैं। समिति में मौजूद विशेषज्ञों का कहना है कि पहले से बीमार बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। इसलिए सबसे पहले हमें इन्हें वैक्सीन देना जरूरी है। देश के हर बच्चे के लिए वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है।b18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की कुल आबादी करीब 12 करोड़ के आसपास है। इनमें से करीब एक से दो फीसदी बच्चों के अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त होने का अनुमान है।

बुधवार को राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि वयस्कों की तरह बच्चों में परेशानी एकदम अलग होती है। बच्चों में हार्ट अटैक से मौत नहीं होती और उन्हें लिवर की परेशानी भी नहीं होती है। उनमें जीवनशैली से जुड़ीं बीमारियां नहीं होती हैं। हालांकि बच्चों में जन्मजात और असाध्य रोग मिलते हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए नई सूची बनाई जा रही है।

उधर स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, जायडस कैडिला कंपनी ने चार करोड़ वैक्सीन की पहली खेप अगले 15 दिन के अंदर तैयार करने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन को बच्चों के लिए ही रखने का विचार किया है। चूंकि वयस्कों का टीकाकरण सही गति से कोविशील्ड और कोवाक्सिन के जरिए आगे बढ़ रहा है। ऐसे में डीएनए वैक्सीन सबसे पहले बच्चों के लिए ही उपलब्ध कराई जाएगी।

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