यूपी: सीएम योगी का निर्देश- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल पहुँचायें मदद, यूपी में 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित

यूपी: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यूपी के बड़े इलाके को बारिश और बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है। लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार लोगों को राहत देने में जुट गई है। बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई अतिवृष्टि से उपजी परिस्थितियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि मंत्री समूह अपने प्रभार वाले मंडलों/जनपदों में तत्काल दौरा कर राहत एवं बचाव के प्रयासों को और बेहतर बनाने में सहयोग करे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 15 जनपदों में 1500 से अधिक गांवों की लगभग 25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने इन सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वितरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि के पर्याप्त प्रबंध होने चाहिए। हमारी पूरी टीम को एकजुट होकर कार्य करे।यह संवेदना और सहयोग का समय है।

मुख्यमंत्री योगी ने अतिवृष्टि से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने और एडीएम/जॉइंट मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जनपदीय कंट्रोल रूम को 24×7 क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों में अत्यधिक बरसात से जनजीवन, पशुधन और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। कई जनपदों में जन-धन हानि की सूचना मिली है। राज्य सरकार सभी प्रभावित जनों की सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए आवश्यक प्रबंध करने को प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित/मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। ऐसे में राहत शिविरों का समीप स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता जरूर रहे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशुचारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए।