बढ़ता जा रहा है एलोपैथी बनाम आर्युवेद का विवाद

एलोपैथी बनाम आर्युवेद का विवाद बढ़ता ही जा रहा है.इस मुद्दे को लेकर देश में राजनीतिकरण भी शुरू हो गई है l

एलोपैथी (Allopathy vs Ayurveda) पर दिए गए बयान की वजह से योगगुरु बाबा रामदेव चर्चाओं में है. केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन के पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने भले ही अपने बयान पर माफी मांग ली है, लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और उनके बीच मनमुटाव जारी है. भीलवाड़ा आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ दुष्यंत शर्मा (Dr Dushyant Sharma) के नेतृत्व में आज विरोध दर्ज करवाया. डॉ शर्मा ने कहा कि रामदेव ने एलोपैथी को एक ‘बेवकूफ’ और ‘दिवालिया’ विज्ञान कहा था, दावा किया था कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद 10,000 डॉक्टरों की मौत हो गई थी, और कोविड -19 के एलोपैथिक उपचार के कारण लाखों लोग मारे गए थे, ये लोगों में भ्रम पैदा करने वाला बयान है.

उन्होंने कहा की आईएमए इस महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करने वाले लाखों डॉक्टरों-नर्सों की सामूहिक चेतना का प्रतिनिधित्व करता है. सदस्य कभी किसी पार्टी के खिलाफ नहीं रहे, हम सभी का सम्मान करते हैं. आईएमए ने रामदेव के बयानों पर आपत्ति दर्ज करवाता है और सरकार से मांग करता है कि बाबा के खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जाए.

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