कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मात्र घर से चार किलोमीटर पहले मौत ने ऐसा झपट्टा मारा कि एक साथ 26 जिंदगियां मौत के मुँह में समा गईं। दुख का ऐसा पहाड़ टूटा कि उसकी भरपाई किसी के वश में नहीं थी। लोग सांत्वना तक नहीं दे पा रहे थे। कानपुर में शनिवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चियां शामिल है।
देर रात से शुरु हुआ पोस्टमार्टम का सिलसिला सुबह चार बजे तक जारी रहा। आज सभी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, देर रात से सुबह तक चले पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव कोरथा गांव पहुंचे कोहराम मच गया। सभी मृतकों के एक ही गांव का होने की वजह से पूरे गांव से चीत्कार उठती रहीं।
बता दें कि भीतरगांव के कोरथा गांव निवासी राजू केवट के बेटे का शनिवार को मुंडन था। मुंडन में शामिल होने के लिए करीब 50 ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली से फतेहपुर गए थे। शाम को लौटते समय गांव से करीब चार किमी पहले साढ़-भीतरगांव मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर खंती में पलट गई।
खंती में पानी भरा होने और ट्राली के नीचे दब जाने के कारण लोग निकल नहीं पाए। आसपास के लोगों ने करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद ट्राली को सीधा किया। इसके बाद एक-एक कर सभी को बाहर निकाला गया। हालांकि तब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी थी।
बता दें कि कोरथा गांव कल से सूना है…न घरों मे दीया जला न चूल्हा। हर घर में मातम पसरा है। गलियों में सन्नाटा है। पूरा गांव ही खाली हो गया है। कोई घटना स्थल पर पहुंचा, तो कोई सीएचसी में बदहवास घूमता नजर आया। देर रात तमाम लोग कानपुर में हैलट अस्पताल भी पहुंचे। गांव में सुबह से ही शवों का आना शुरू हो गया है। आंसुओं के सैलाब के बीच सुबह से अर्थियों को तैयार करने का सिलसिला जारी है। संभवतः मृतकों का अंतिम संस्कार ड्योढ़ी घाट में होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी पहुंचने की सूचना मिल रही है।