यूपी: मदरसा सर्वेक्षण के बाद मदरसों में छात्र किस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं इसका भी होगा सर्वे, पाठ्यपुस्तक अधिकारी ने मांगी जानकारी

यूपी: सीएम योगी के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे का काम पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश में मदरसा सर्वेक्षण के बाद प्रदेश में अनुदानित मदरसे के छात्र किस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं, इसका भी सर्वे होगा। उन्हें किस विषय की कितनी पुस्तकों का निशुल्क वितरण हुआ है। यह सूचना पाठ्यपुस्तक अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी है।

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने यह सूचना मांगी है कि अनुदानित मदरसों में चालू वित्तीय वर्ष में कुल कितने विषयों की कितनी पुस्तकें किन-किन भाषाओं में उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अतिरिक्त यह भी बताना होगा कि उर्दू माध्यम की कुल वितरित पुस्तकों की संख्या जिलावार कितनी है। उर्दू भाषा की पुस्तकों की संख्या, अन्य भाषा की पुस्तकों का वितरण, इन बिंदुओं पर सूचना भेजनी होगी। यह सूचना नवंबर महीने के पहले सप्ताह में ही देने को कहा गया है।

दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिए थे कि मदरसों में पुस्तकों के वितरण को लेकर प्रारूप बदला जाए। छात्रों को कोर्स की एनसीईआरटी किताबों के लिए उनके अभिभावकों के खातों में सीधे पैसे दिए जाएं जिससे वे अपने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकें खरीदकर दे सकें। मगर अब यह योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है।

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेशभर के 558 अनुदानित मदरसों में कक्षा आठ तक के छात्रों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जा ही हैं। अब पाठ्यपुस्तकें खरीदने के लिए उनके अभिभावकों के खातों में सीधा पैसा डालने के निर्णय से धनराशि के दुरुपयोग की आशंका है।