क्वाड सम्मेलन: क्वाड देशों ने दूसरे देशों को कर्ज के जाल में फंसाने के चीन के नापाक इरादों से निपटने के लिए बनाई रणनीति

क्वाड सम्मेलन: क्‍वाड की बैठक से चीन में बौखलाहट है। ड्रैगन की चिंता यूं ही नहीं है। उसके पीछे वाजिब कारण भी है। चीन की आक्रामकता के चलते उसके पड़ोसी मुल्‍कों में जो एकजुटता है। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के समूह ‘क्वाड’ ने चीन की तानाशाही को रोकने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा कीं। सभी देश के विदेशमंत्रियों ने एक सुर में कहा कि समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत के विकास का आधार है। यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई को करारा जवाब दिया जाएगा।

इसके अलावा सभी ने दूसरे देशों को कर्ज के जाल में फंसाने के चीन के नापाक इरादों से निपटने के लिए भी रणनीति बनाई। सभी विदेशमंत्रियों ने दुनिया के देशों से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान भी किया। क्वाड देशों ने स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में 15 सदस्यीय विश्व निकाय के विस्तार के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।

क्वाड के विदेश मंत्रियों ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सीटों में विस्तार सहित व्यापक संयुक्त राष्ट्र सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि यह वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करे और भौगोलिक दृष्टि से विविध दृष्टिकोणों को शामिल करें।

सभी देशों ने ऐसे संयुक्त राष्ट्र के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की, जो वर्तमान समय की अहम चुनौतियों का समाधान करता हो। साथ ही हमारे साझा और परस्पर संसाधनों की सुरक्षा करता हो। इसमें सतत विकास के लिए 2030 का एजेंडा पूरा करने का कार्यक्रम और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना शामिल है।