एंटोनियो गुटेरेस: तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, पीएम मोदी व विदेश मंत्री जयशंकर से करेंगे मुलाकात

एंटोनियो गुटेरेस: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मंगलवार देर रात भारत के आधिकारिक तीन दिवसीय यात्रा पर मुंबई पहुंच चुके हैं। आपको बता दें जनवरी में शुरू हुए उनके दूसरे कार्यकाल के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा हैं। उन्होंने इससे पहले शीर्ष कार्यालय में अपने पहले कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2018 में देश का दौरा किया था l गुटेरेस देर रात मुंबई पहुंचे l जहां राजदूत रुचिरा कंबोज ने स्वागत उनका किया। विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख 18 से 20 सितंबर तक भारत की यात्रा पर होंगे। साथ ही इस दौरान वह प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

भारत यात्रा के पहले दिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल में 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही वह आईआईटी मुंबई में ‘‘भारत के 75 साल: संयुक्त राष्ट्र- भारत साझेदारी: दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना’’ विषय पर संबोधन देंगे।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि एंटोनियो गुटेरेस अपनी भारत यात्रा के क्रम में 20 अक्तूबर को गुजरात का दौरा भी करेंगे। वह गुजरात के केवड़िया में एकता नगर में मिशन लाइफ पुस्तिका, लोगो और उसकी टैगलाइन के लॉन्च कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी उनके साथ रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि इसके अलावा वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पहुंचकर सरदार पटेल को नमन भी कर सकते हैं। यहां वह मोढ़ेरा का भी दौरा कर सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ऋण पुनर्गठन की प्रभावी प्रणाली बनाएगा। बता दें, भारत एक दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता करेगा।

विश्व निकाय के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस टिप्पणी का समर्थन किया है कि यह ‘युद्ध का युग’ नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए हालात बनाने की दिशा में कोशिशों का स्वागत किया जाएगा। अपनी भारत यात्रा से पहले गुटेरस ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध बढ़ने से बेहद चिंतित हैं। बता दें कि मोदी ने समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर सितंबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा था कि यह वक्त युद्ध का नहीं है। मोदी ने यूक्रेन में शत्रुता की शीघ्र समाप्ति का आह्वान करते हुए ‘लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति’ के महत्व को रेखांकित किया था।