ताजमहल: आगरा की पहचान व मोहब्बत की निशानी ताज महल जिसे देखने के लिए हर रोज हजारों पर्यटक आते हैं। लेकिन सुरक्षा का दावा करने वाले अधिकारी पर्यटकों को सुरक्षा तक मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। पर्यटकों पर हमला करने वाला कोई आतंकी या असामाजिक व्यक्ति नही बल्कि बंदर हैं। आये दिन कोई न कोई पर्यटक बंदरो का शिकार हो हो जाता है।
इधर ताजमहल में पर्यटकों को उत्पाती बंदरों से बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के कर्मचारियों को तैनात किया गया है, लेकिन फिर भी आतंक कम नहीं हुआ है। बंदर लगातार खूंखार हो रहे हैं और पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। सोमवार की सुबह बंदरों ने स्पेनिश महिला पर हमला कर दिया।
बंदरों ने स्पेनिश महिला के पैर में काट लिया, जिससे खून बहने लगा। पैर से खून बहता देख पर्यटक फूट-फूटकर रोने लगी। फोटोग्राफर योगेश पारस और एएसआई कर्मचारी अरुण कुमार ने पर्यटक का उपचार किया। इसके बाद वह होटल के लिए रवाना हो गई।
बता दें कि 10 दिन के अंदर ताजमहल में बंदरों के हमले की यह चौथी घटना है। 11 सितंबर को तमिलनाडु के शाहीन रशीद को बंदरों ने काटकर घायल कर दिया था। अगले ही दिन स्वीडन की महिला पर्यटक पर हमला कर दिया था। उसे भी काट लिया था। 14 सितंबर को चमेली फर्श पर दो विदेशी युवतियों पर बंदरों ने हमला किया था।
ताजमहल में बंदरों का उत्पात थम नहीं रहा। उत्पाती बंदर पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। पर्यटक सुखद अनुभव के लिए ताज का दीदार करने आते हैं, लेकिन उत्पाती बंदरों के कारण बुरा अनुभव लेकर लौटते हैं। नगर निगम को पत्र लिखने के बाद भी बंदरों की धरपकड़ नहीं होने पर एएसआई के अधिकारियों ने बंदरों को भगाने के लिए चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई, लेकिन बंदरों का उत्पात फिर भी नहीं थमा।