विजयादशमी: आज विजयदशमी का पावन पर्व है। असत्य पर सत्य की विजय के इस पावन मौके पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार भव्य शस्त्र पूजन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने इस समारोह को शास्त्रोक्त विधि से संपन्न किया। बाबा विश्वनाथ के त्रिशूल, गदा, तलवार, तीर धनुष और अन्य शस्त्रों का पूजन करके पुरातन परंपरा को नूतन से जोड़ते हुए विजयदशमी मनाई गई।
बता दें कि बाबा विश्वनाथ के धाम के मुख्य चौक में आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बाबा विश्वनाथ के त्रिशूल, गदा, तलवार, तीर धनुष और अन्य शस्त्रों का पूजन करके पुरातन परंपरा को नूतन से जोड़ते हुए विजयदशमी पर्व को मनाया।
समारोह के दौरान, शास्त्रों की विधिपूर्वक पूजा की गई और उपस्थित लोगों ने भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता का संदेश भी दिया।
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की।
शस्त्र पूजन के माध्यम से हम शस्त्रों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उन्हें धर्म, सुरक्षा और सद्भावना के लिए उपयोग करने की प्रेरणा लेते हैं। विजयादशमी का पर्व सभी को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन में सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलें।