लंपी वायरस: पशुओं को मौत की नींद सुलाने वाला ‘लंपी वायरस’ देशभर में पांव पसार रहा है, इस बीमारी से कई राज्यों में हड़कंप मच गया है l कई राज्यों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) वायरस ने उत्तर प्रदेश में भी जबरदस्त ढंग से पशुओं को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।
हालांकि इससे प्रभावित पशुओं की मृत्युदर काफी कम है लेकिन जरा सी लापरवाही यूपी में भी अन्य राज्यों की तरह ही पशुओं में इसका भयानक असर दिखा सकती है। इस बीमारी में पशु की त्वचा पर गांठें हो जाती हैं। त्वचा खराब हो जाती है। दुधारू पशु में दूध क्षमता कम होना, पशुओं में कमजोरी, बांझपन, गर्भपात, पशुओं के बच्चों में कम विकास, निमोनिया, पेरिटोनिटिस, लंगड़ापन या मौत हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में लंपी के 12,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। 85 से ज्यादा पशुओं की मौत भी हो चुकी है। लंपी प्रभावित सभी जिलों में अलर्ट करते हुए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। एलएसडी वायरस गाय और भैंसों में तेजी से फैलने वाला एक संक्रामक रोग है जिसने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों में कहर बरपा रखा है। अब उप्र में भी इसने तेजी से पशुओं को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। समय से अलर्ट होने के बावजूद भी प्रदेश में 12,000 से ज्यादा पशुओं में एलएसडी मिला है।
उत्तर प्रदेश के इन 21 जिलों में मिले लंपी के केस
मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मथुरा, फिरोजाबाद
लंपी पर रोक के लिए सरकार ने टीम-9 का गठन किया है। बार्डर पर दूसरे राज्यों से पशुओं के आवागमन पर रोक लगाई गई है।