महराजगंज पुलिस लाइन में आज “ऑपरेशन सिंदूर” के दृष्टिगत एक व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध, आतंकी हमले या अन्य आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षात्मक उपायों को परखना और नागरिकों में सुरक्षा व सजगता को बढ़ावा देना था।
मॉक ड्रिल में युद्ध जैसी परिस्थितियों का सजीव अनुकरण किया गया, जिसमें सायरन, ब्लैकआउट, और इवैक्युएशन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन अभ्यास किया गया। यह ड्रिल हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई, जिसके बाद देशभर में सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए ऐसे अभ्यास किए जा रहे हैं।
इस अभ्यास में महराजगंज पुलिस, फायर ब्रिगेड, चिकित्सा विभाग, एनसीसी, और होम गार्ड्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया। अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में आयोजित इस ड्रिल में आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, घायलों को अस्पताल पहुंचाने, और आग बुझाने जैसे उपायों का प्रदर्शन किया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन की आवाज के साथ शुरू हुए अभ्यास में ब्लैकआउट की स्थिति को लागू किया गया, जिससे रात के समय दुश्मन की हवाई निगरानी से बचाव का अभ्यास हो सके। साथ ही, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आपातकालीन परिस्थितियों में सहयोग करने की ट्रेनिंग दी गई।
महराजगंज पुलिस ने इस अभ्यास के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने का प्रयास किया कि ऐसी परिस्थितियों में संयम और योजना के साथ कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए। गृह मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार यह मॉक ड्रिल देश के 244 जिलों में आयोजित की जा रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 19 जिले भी शामिल हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों का हिस्सा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी संकट के लिए जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं।
यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि आम नागरिकों में भी आपात स्थिति से निपटने की जागरूकता और आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।






















