यूपी: आधुनिक दुनिया में, लोन अब कोई अज्ञात शब्द नहीं है। लोग कई उद्देश्यों के लिए बैंकों से ऋण चुनते हैं। यह शादी, यात्रा, घर खरीदना, उच्च शिक्षा, और कई अन्य कारणों के लिए हो सकता है। बता दे कि उत्तर प्रदेश में बैंकों की ओर से दिए गए ऋण की वसूली की स्थिति खराब है। रिकवरी सर्टिफिकेट में बैंकों के 48 हजार करोड़ से ज्यादा फंसे हैं।
शासन को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और एक्सिस बैंक की स्थिति सबसे बेहतर है। इन बैंकों की कुल रिकवरी मात्र 85 करोड़ रुपये है। जबकि सबसे ज्यादा 7800 करोड़ पीएनबी और 7700 करोड़ रुपये केनरा बैंक के फंसे हैं। राजस्व परिषद ने बैंकों की फंसी रकम की वसूली और बंधक प्रापर्टी के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है। इसी पोर्टल के जरिये लंबित वसूली के मामलों को निस्तारित किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार तहसीलों में 12.89 लाख से ज्यादा वसूली प्रमाण पत्र (रिकवरी सर्टिफिकेट) लंबित हैं। इन्हीं आरसी में बैंकों की रकम फंसी है। बैंकों ने तहसील स्तर से सहयोग करने का अनुरोध शासन से किया है। बैंकों ने संबंधित डीएम को लिस्ट भी भेजी है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इस पर बैंकों ने कहा है कि सरफेसी एक्ट के तहत वसूली में डीएम स्तर से सहयोग नहीं मिल रहा है। सरफेसी एक्ट के तहत 6478 मामले डीएम कार्यालयों में अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।
इन बैंकों की सबसे ज्यादा रकम फंसी
बैंक रकम
स्टेट बैंक आफ इंडिया 3494 करोड़
पंजाब नेशनल बैंक 7810 करोड़
आर्यावर्त बैंक 6925 करोड़
बैंक आफ बड़ौदा 2913 करोड़
बैंक आफ इंडिया 818 करोड़
बड़ौदा यूपी बैंक 5401 करोड़
केनरा बैंक 7717 करोड़
सेंट्रल बैंक 788 करोड़
इंडियन बैंक 3139 करोड़
नैनीताल बैंक 822 करोड़
यूनियन बैंक 4729 करोड़
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक 2170 करोड़