स्वाइन फ्लू: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्वाइन फ्लू की चार एमबीबीएस छात्रों मे पुष्टि होने से सेहत विभाग अलर्ट हो गया है। चार एमबीबीएस छात्रों के चपेट में आने के बाद विभाग की नींद खुली है। अब जाकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीजों के मिलने का सिलसिला लगातार चल रहा है।
2021 में अगस्त माह तक सिर्फ सात मरीज मिले थे। वहीं, 2022 में अगस्त तक 64 मरीज मिले और दो मरीजों की मौत हो गई। पिछले साल की अपेक्षा बड़ी संख्या में मरीजों के मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अलर्ट नहीं हुए। इसका नतीजा यह है सितंबर में प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़कर 330 पर पहुंच गई। उत्तर प्रदेश में संक्रामक रोग नियंत्रण में डॉक्टरों की भारी भरकम टीम लगी है। इसके बाद भी हालत यह है कि एक महीने में स्वाइन फ्लू के 266 मरीज मिले हैं। पिछले साल सितंबर तक सिर्फ 18 मरीज मिले थे।
दो दिन पहले जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में छात्रों के बीमार होने के बाद संक्रामक रोग नियंत्रण में लगी अफसरों की टीम जागी। आनन-फानन बचाव अभियान शुरू किया गया। यहां के चार एमबीबीएस छात्रों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके बाद पूरे प्रदेश को अलर्ट करते हुए गाइडलाइन जारी की गई है।
प्रदेश में स्वाइन फ्लू ही नहीं अन्य संक्रामक बीमारियां भी बढ़ रही हैं। कोविड नियंत्रण में मिली वाहवाही के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने दूसरी बीमारियों के नियंत्रण के लेकर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती। इसका नतीजा है कि माह भर में ज्यादातर संक्रामक बीमारियां तेजी से बढ़ी है। सितंबर तक डायरिया के 1042 केस मिले हैं, चिकनपॉक्स के 298 मरीज मिले। मीजल्स के 95 केस मिले हैं।