यूपी: प्रदेश के कर्मचारी पिछले चार वर्षों से महंगाई व तमाम तरह की मुश्किलों का हवाला देकर पारिश्रमिक बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे। सुनवाई न होने पर सरकार को चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी देने लगे थे। सरकार ने सबसे पहले मानदेय पर काम करने वाले 10 लाख फील्डकर्मियों को साधने का दांव चला है।
योगी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने पहले ‘मिनी बजट’ (अनुपूरक बजट) को पूरी तरह चुनावी उम्मीदें बढ़ाने का दांव चल दिया है। वित्त वर्ष 2021-22 के 7,301.51 लाख करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का बड़ा जोर मानदेय पर काम करने वाले प्रदेश के करीब 10 लाख नाराज फील्डकर्मियों को पुचकारने, प्रबुद्ध अधिवक्ताओं को खुश करने, सरकार ने अयोध्या व वाराणसी के जरिये अपने धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडे पर भी फोकस बनाए रखा है।
शिक्षा विभाग के शिक्षामित्र, अंशकालिक अनुदेशक तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की मुख्य व सहायक रसोइयां के साथ आशा कार्यकर्ता व संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, पीआरडी जवानों, रोजगार सेवकों व चौकीदारों/ग्राम प्रहरियों के मानदेय में 1,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।
ये वे कर्मी हैं जो विधानसभा चुनाव में बीएलओ के रूप में वोट घटाने-बढ़ाने से लेकर मतदान संपन्न कराने तक में अहम भूमिका निभाते हैं। इन कर्मियों को बढ़ा मानदेय सितंबर में जुड़कर मिलेगा और अक्तूबर से भुगतान होगा। सरकार को इस निर्णय से प्रति वर्ष करीब 576 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय भार आएगा।
इनके मानदेय में वृद्धि
शिक्षामित्र 1,76,504 पद के लिए 123 करोड़ 55 लाख 28 हजार रु.
केजीबीवी में मुख्य व सहायक रसोइयां 2,334 1पद के लिए करोड़ 63 लाख 38 हजार रु.
अंशकालिक अनुदेशक 41,307 28 पद के लिए करोड़ 91 लाख 49 हजार रु.
रोजगार सेवक 58,028 40 पद के लिए करोड़ 62 लाख रु.
पीआरडी जवान 87,255 61पद के लिए करोड़ 07 लाख 85 हजार रु.
ग्राम प्रहरी/चौकीदार 68,337 47 पद के लिए करोड़ 88 लाख रु.
आशा ग्रामीण एवं शहरी/आशा संगिनी 1,85,395 पद के लिए 129 करोड़ 78 लाख रु.
आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी व सहायिका 3,79,578 पद के लिए 265 करोड़ 70 लाख 46 हजार रु.
कुल 9,98,738 575 करोड़ 73 लाख 53 हजार 528 रु