IGI एयरपोर्ट: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अक्षय ऊर्जा से जरूरतें पूरी करने वाला बना देश का पहला हवाईअड्डा, अब ई-वाहनों की ओर कदम

IGI एयरपोर्ट : 1 जून से दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डा पूरी तरह से हाइड्रो और सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने लगा है, इस तरह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अक्षय ऊर्जा से जरूरतें पूरी करने वाला देश का पहला हवाईअड्डा बन गया है। यहां एक जून से केवल जल-सौर ऊर्जा इस्तेमाल की जा रही है। यह एयरपोर्ट पर 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पाने की दिशा में बड़ा कदम है।

हवाईअड्डे की कुल बिजली की छह फीसदी ऊर्जा एयरसाइड और कार्गो टर्मिनलों की छतों पर लगे सोलर पैनल से होती है। वहीं, जल ऊर्जा से शेष 94 फीसदी बिजली मिल रही है। इससे आईजीआई पर सालाना दो लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा। इसके लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. व जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. ने बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

हरित परिवहन कार्यक्रम के तहत चरणबद्ध तरीके से डीजल और पेट्रोल वाहनों पर निर्भरता खत्म की जाएगी। पहले चरण में 62 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाएंगे, जिन्हें अगले 3-4 महीनों में बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ 14001:2015 प्रमाणपत्रों के साथ प्रमाणित है।