हिमाचल: हिमाचल में चुनावी जनसभा में प्रियंका बोलीं- आप अपने अनुभव व परिस्थितियों के आधार पर वोट दें, भाजपा ने अस्थिरता फैलाई

हिमाचल चुनाव: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर चुनावी सर्गमियां तेज हैं। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव होगा। हिमाचल प्रदेश में 10 नवंबर की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद जनसभाएं और अन्य प्रचार बंद हो जाएंगे। केवल डोर-टू-डोर प्रचार ही होगा। गुरुवार को यानी आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सतौन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया।

प्रियंका ने अपने संबोधित के शुभारंभ पर कहा कि यह माता रेणुका, भगवान परशुराम और माता भंगायणी की धरती है। इस धरती से असत्य के खिलाफ सत्य की आवाज हमेशा उठी है। माता भंगायणी साम दाम दंड भेद को पराजित करने वाली देवी है। माता के आशीर्वाद से यही खासियत पूरे हिमाचल के लोगों में है। प्रियंका ने कहा कि आजकल की राजनीति बहुत बदल चुकी है। मेरी दादी इंदिरा जी के जमाने में अलग राजनीति होती थी।

उस समय कोई ऐसा आंदोलन नहीं था जो सत्य व अंहिसा के आधार पर लड़ा गया। वहीं हमारी राजनीति की नींव है। लेकिन आज पैसों व झूठ का बोलबाला है। आज नेता कुछ भी बोल देते हैं, लेकिन फिर पांच साल बाद पता चलता है कि कुछ नहीं हुआ।

प्रियंका ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि  आजादी से अब तक सबसे स्थिर सरकारें कांग्रेस ने दी हैं। भाजपा ने अस्थिरता फैलाई है। हिमाचल 70 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में है। आपने बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ाया ताकि उनका भविष्य बने। लेकिन प्रदेश में 30 लाख में से 15 लाख युवा बेरोजगार पड़े हैं। पांच सालों से 63,000 सरकारी पद खाली पड़े हैं। क्योंकि भाजपा सरकार की नीयत सही नहीं है। इस सरकार ने रोजगार, पेंशन छिनी है, महंगाई बढ़ाई है।

छत्तीसगढ़, राजस्थान में ओपीएस लागू की गई है, हिमाचल में भी लागू की जाएगी। कहा कि भाजपा के नेता कहते हैं कि इसके लिए पैसे ही नहीं हैं। प्रियंका ने पूछा कि भाजपा के उद्योगपति मित्रों के कर्ज माफ करने के लिए लाखों करोड़ रुपये कहां से आते हैं।  सेब के कार्टन पर जीएसटी लगाया है। प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति का एक आधार था। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के कहने पर इंदिरा जी ने इस प्रदेश को बनाया और वीरभद्र सिंह ने दिन-रात एक कर इस प्रदेश को आगे बढ़ाया, वे इस बात को समझते थे। आप अपने अनुभव व परिस्थितियों के आधार पर वोट दें।