एनएच 227 बी के नाम से जाना जायेगा अयोध्या का 84 कोसी परिक्रमा पथ

✍️ विकास शुक्ला

अयोध्या।

अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा पथ निर्माण को लेकर नई दिल्ली में सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सड़क परिवाहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, सांसद लल्लू सिंह, सांसद हरीश द्विवेदी, व अधिकारियों की उपस्थिति रही। सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि तीन अगस्त को रामनगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा पथ निर्माण को लेकर कई निर्णय लिये गये। बैठक में तय हुआ कि 84 कोसी परिक्रमा पथ अब एनएच 227 बी के नाम से जाना जायेगा। परिक्रमा पथ में 45 मीटर चौड़ी भूमि का अधिग्रहण होगा। जिसमें 10 मीटर पक्का रास्ता, दोनो तरफ इण्टरलाकिंग, एक तरफ परिक्रमार्थियों के लिए पैदल पथ तथा दूसरी दिशा में सर्विस रोड़ का निर्माण किया जायेगा। दोनो तरफ रामायणकालीन वृक्ष, सरयू नदी में मूर्तिहन व शेरवाघाट पर पुल का निर्माण, कई रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया
जायेगा। 84 कोसी परिक्रमार्थियों के लिए विश्रामालय का निर्माण भी किया जायेगा।
सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण के सम्बंध में 7 अगस्त को अयोध्या में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ बैठक होगी। उन्होने बताया कि अभी 84 कोसी परिक्रमा पथ टू लेन का होगा। भविष्य में इसे फोरलेन किया जायेगा। उसी के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री अयोध्या का विकास वैश्विक स्तर पर करना चाहते है। जिसमें 84 कोसी परिक्रमा मार्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। 2015 से इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा था। दिल्ली में हर वर्ष आयोजित होने वाले अयोध्या पर्व में 84 कोसी व उसके आस पास के 151 धार्मिक, पौराणिक, ऋषि मुनियों की तपोस्थली को वैश्विक स्तर पर परिभाषित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में विकास के लिए लगातार योजनाओं की श्रृंखलाएं प्रदान की है।

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