दिल्ली : अब आम लोगों की तरह पेड़-पौधे भी अपनी जानकारी खुद बताएंगे। क्यूआर कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर पेड़-पौधों की प्रजाति, किस्म, नाम और औषधीय गुणों की जानकारी आ जाएगी। इसी क्रम में नई दिल्ली क्षेत्र में हरियाली को बढ़ावा देने वाले पेड़ों की खासियत का भी आप अब पता कर सकेंगे। विरासती पेड़ों सहित ऐसे 4000 हजार वृक्षों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं।
लोदी गार्डन, जनपथ, तालकटोरा सहित नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में किसी भी सड़क या पार्क से गुजरते हुए ऐसे पेड़ों का ब्योरा हासिल कर सकते हैं। स्कैन करते हुए पेड़ की उम्र, प्रचलित और वैज्ञानिक नाम, फूलों का रंग, खिलने और फल लगने के लिए उपयुक्त मौसम सहित लंबाई चौड़ाई भी जान सकेंगे। कोड स्कैन करते ही पेड़ का पूरा ब्योरा आपके सामने होगा।
एक पेड़ के लिए एक कोड नियत होगा। अगर पेड़ टूट जाते हैं तो दोबारा उस जगह पर ही पहले की प्रजाति वाले पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें कुछ वृक्ष 80-100 पुराने हैं। एक बार सभी पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने के बाद स्कैनिंग की सुविधा मिल सकेगी।
एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की गणना के साथ क्यूआर कोड लगाने का भी काम चल रहा है। प्रकृति में रुचि रखने वालों को अब आसानी से किसी भी पेड़ के बारे में स्कैन करते ही जानकारी मिल सकेगी। पेड़ों के संरक्षण के लिए एहतियात जरूरी है, इस बारे में भी लोगों को जानकारी मिल सकेगी।
अधिकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। इसमें कई दुर्लभ प्रजाति के भी पेड़ हैं, ताकि पेड़ को अगर बारिश, तेज हवा में किसी तरह का नुकसान होता है तो इसे दुरुस्त करने के लिए एहतियाती उपाय किए जा सके।
