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जम्मू-कश्मीर: सरकार ने बिजली महंगी होने के कारण पुलवामा जिले के पांपोर स्थित इकलौता थर्मल प्लांट बंद करने का लिया फैसला

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर पुलवामा जिले में 224 करोड़ की लागत से वर्ष 1989 में बना इकलौता थर्मल पावर प्लांट (गैस टरबाइन) को सरकार बंद करने जा रही है। कश्मीर के पुलवामा जिले के पांपोर में स्थापित थर्मल प्लांट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 175 मेगावाट है। इस प्लांट में 175 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले 5 गैस टरबाइन स्थापित है। इस थर्मल प्लांट से तैयार होने वाली बिजली महंगी होने के चलते यह फैसला लिया गया है।

पिछले कुछ वर्षों से आपातकालीन स्थिति में ही यहां से बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 1989 में पांपोर में थर्मल प्लांट की दो गैस टरबाइन स्थापित की गई थीं। इनकी कुल क्षमता 75 मेगावाट थीं। इसके बाद 1995 में इस प्लांट का दर्जा बढ़ाया गया।

100 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता की तीन और गैस टरबाइन प्लांट में स्थापित की गईं। पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते के तहत जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर पन बिजली परियोजनाएं रन द वाटर स्कीम के तहत निर्मित होने के चलते ठंड के मौसम में बिजली उत्पादन की क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसे में थर्मल प्लांट के माध्यम से बिजली की आपूर्ति होती थी।

जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन के प्रबंधक निदेशक राजा याकूब फारूक ने पांपोर में थर्मल प्लांट को बंद किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस प्लांट से करीब 30 रुपये प्रति यूनिट बिजली का उत्पादन हो पा रहा था, जबकि बाजार में तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाई जा रही है। ऐसे में इस प्लांट को बंद करने का फैसला लिया गया है।

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