Maharajganj

महराजगंज: न‍िकाह के बाद कराया धर्मपर‍िवर्तन, फ‍िर पहली पत्‍नी संग म‍िलकर दबा द‍िया गला, जान‍िए क्‍यों

महराजगंज: पारा की काशीराम कालोनी में गुरुवार देर शाम हुई 26 वर्षीय जारा खाना उर्फ शिवा की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके हत्यारोपित पति यासीन खान को पहली पत्नी के साथ शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। यासीन खान ने 20 हजार रुपये के विवाद में पहली पत्नी के साथ मिलकर जारा खान को मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

एडीसीपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हत्यारोपित यासीन और उसकी पहली पत्नी शहरबानो को कृष्णानगर रेलवे अंडर पास के पास से गिरफ्तार किया गया है। हत्याकांड के राजफाश के लिए एसीपी काकोरी आशुतोष कुमार की निगरानी में तीन टीमें गठित की गई थीं। बता दें क‍ि यासीन की पहली पत्नी शहरबानो है। शहरबानो से आठ साल पहले यासीन का विवाह हुआ था। शहरबानो से शादी के दो साल बाद यासीन ने जारा से प्रेम विवाह किया था। जारा हिंदू थी। उसका पहले का नाम शिवा विश्वकर्मा था।

शहरबानो ने पकड़ा था हाथ, यासीन ने दबाया था गला : एसीपी काकोरी आशुतोष कुमार ने बताया कि पूछताछ में यासीन ने बताया कि जारा ने अपने भाई के इलाज के लिए 20 हजार रुपये छिपा कर रखा था। यासीन को रुपयों की जरूरत थी। मंगलवार को वह अलमारी से पत्नी को बिना बताए रुपये निकाल कर ले गया था। इसकी जानकारी जब जारा को हुई तो उसने विरोध किया।

इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा होता था। गुरुवार शाम भी झगड़ा हुआ था। इसपर उसने शहरबानो के साथ मिलकर जारा की हत्या की योजना बना डाली। घटना के समय उसने अपनी तीन साल की बेटी को फ्लैट के बाहर निकाल दिया। शहरबानो ने हाथ जारा का हाथ पकड़ा और यासीन ने गला दबा कर मार दिया। इसके बाद दोनों ने गद्दे में शव लपटेकर पीछे के कमरे में चारपाई के नीचे छुपा दिया।

घटना के बाद शहरबानो और यासीन दोनों फ्लैट के बाहर निकले। यासीन भाग गया और शहरबानो अपने बेटे के साथ कालोनी में टहल रही थी। जबकि जारा की तीन साल की बेटी फ्लैट के बाहर रो रही थी। इस बीच जारा का भाई शरद उसे फोन मिला रहा था। फोन रिसीव न होने पर वह पहुंचा तो उसकी भांजी फ्लैट के बाहर रो रही थी।

अंदर दाखिल हुआ तो उसने बहन को आवाज लगाई। उत्तर न मिलने पर चारपाई के नीचे उसे गद्दे में जारा का शव लिपटा मिला। वारदात के बाद यासीन पहले अपने गृह जनपद बहराइच नानपारा के घिसयानटोला भाग गया था। वहां उसकी लोकेशन मिली थी। पुलिस टीम जब वहां भेजी गई तो वह लखनऊ भाग आया। इस बीच पुलिस ने उसे रेलवे अंडर पास के नीचे से गिरफ्तार कर लिया।

नेपाल भागने की फिराक में था यासीन : इंस्पेक्टर पारा दधिबल तिवारी ने बताया यासीन कई साल पहले नेपाल में प्रापर्टी का काम करता था। नेपाल में भी उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। जानकारी हुई है कि नेपाल से यासीन भगोड़ा था। वहां पर उसके कुछ लोग अभी भी हैं। एक ठिकाना उसने वहां भी बना रखा था। वह नेपाल भागने की फिराक में था। समय रहते अगर गिरफ्तार न किया जाता तो वह नेपाल भाग जाता।

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