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मोटापे से परेशान: एम्स सहित कई निजी अस्पतालों में दो गुना बढ़े बैरियाट्रिक सर्जरी कराने वाले, ले रहे ऑपरेशन का सहारा

मोटापा बन रहा परेशानी: कोरोना काल में लोग लंबे समय से घर पर रहे। जीवनशैली भी खराब हो गई। इससे मोटापे की समस्या अब अधिक बढ़ गई है। राजधानी में लोगों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। मोटापे को कम करने के लिए की जाने वाली बैरियाट्रिक सर्जरी कराने वालों की संख्या दो गुना बढ़ गई है। एम्स सहित कई निजी अस्पतालों में रोजाना ऐसे लोग आ रहे हैं जिनका वजन अधिक हो गया है और काफी प्रयास के बाद भी कम नहीं हो रहा।

एम्स में बैरियाट्रिक सर्जन डॉक्टर संदीप अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के मामले कम होने के बाद अब सर्जरी कराने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। हर महीने दस से 12 सर्जरी हो रही है। इससे पहले चार से पांच ऑपरेशन ही हो रहे थे। डॉक्टर ने कहा कि जब व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 31 से अधिक हो जाता है तो वह मोटापे की श्रेणी में आ जाता है और उसे सर्जरी करवाने की सलाह दी जाती है। इस सर्जरी को अधिकतर वह लोग करा रहे हैं जो काफी प्रयास के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं।

आकाश अस्पताल के बैरियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर रजत गोयल का कहना है कि अस्पताल में 30 फीसदी मरीज मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं। वहीं, करीब 50 फीसदी मरीजों को मधुमेह के साथ मोटापे की परेशानी है। वजन बढ़ने से लोगों को कई अन्य बीमारियां भी हो रही हैं। इस समस्या के बढ़ने के कारणों पर डॉक्टर का कहना है कि मोटापे के मामले में वृद्धि मुख्य रूप से इसलिए हुई है, क्योंकि लोगों की जीवनशैली और खानपान का तरीका बदला है। इससे उनके शरीर में मेटाबालिज्म और इंसुलिन में गड़बड़ी पैदा हो रही है। लोगों को अधिकतक समय फोन या लैपटॉप पर गुजरता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी आना भी मोटापा बढ़ने का कारण है।

मोटापे की समस्या से बचाव
डॉ. गोयल बताते हैं कि जीवन शैली में बदलाव करने से लोग मोटापे की समस्या से बच सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें।बाहर के खाने से परहेज करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। खाने और सोने का समय निर्धारित करें।

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