डीआरडीओ: मंगलवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डीआरडीओ की ओर से नौसेना के युद्धपोतों के लिए एक ऐसी हवाई रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) विकसित किया जा रहा है जो लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगा सकेगा। भारत ने इस कम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली वर्टिकली लॉन्च मिसाइल वीएल-एसआरएसएएम का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया है।
इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि देश की सीमाओं पर बढ़ते ड्रोन खतरे से निपटने के लिए डीआरडीओ स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक पर काम कर रहा है।
यह तकनीक जल्द ही सुरक्षा बलों को उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा था कि बीएसएफ, डीआरडीओ और एनएसजी ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे अपने वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है कि हम जल्द ही स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करने में सफल होंगे।
