स्वदेशी हेलमेट: भारतीय आयुध कारखाने, सशस्त्र बलों के लिए जरुरी विभिन्न प्रकार के उत्पादों का विकास और उत्पादन करने में सक्षम हैं। पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित भारतीय आयुध कारखानों ने ‘बुलेट प्रूफ हेलमेट’ तैयार किया है। इस बैलिस्टिक हेलमेट को आईआईटी रुड़की के सहयोग से बनाया गया है। इसका ट्रायल हो चुका है। ऑर्डिनेंस क्लोथिंग फैक्ट्री, आवडी में निर्मित इस हेलमेट की कीमत लगभग 18 हजार रुपये है। यह बैलिस्टिक हेलमेट ‘बम व गोली’ से जवानों का बचाव करता है।
बीस मीटर दूरी पर नौ मिमी कार्बाइन, एसएलआर या एके (एचएससी) से निकलने वाली गोलियां इस हेलमेट को नहीं भेद पाती हैं। भारतीय आयुध कारखानों को अब आर्मी व सीआरपीएफ जैसे बड़े सुरक्षा बलों से बैलिस्टिक हेलमेट तैयार करने का ऑर्डर मिलने का इंतजार है। हालांकि कारखाने ने अपने स्तर पर मार्केटिंग कर विभिन्न राज्य पुलिस बलों को इस हेलमेट की आपूर्ति शुरू कर दी है।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि यह भारतीय आयुध कारखानों की बड़ी उपलब्धि है। अभी तक केंद्र एवं राज्य सरकारें इस तरह के सुरक्षा हेलमेट का आयात करती रही हैं। बैलिस्टिक हेलमेट का डिजाइन तैयार करने, निर्माण व ट्रायल आदि में एक साल का वक्त लगा है। विभिन्न एजेंसियों ने इस हेलमेट का ट्रायल लिया था।
बैलिस्टिक हेलमेट की खासियत यह है कि आईईडी विस्फोट होने के दौरान जब वहां पर तेज गति से टुकड़े इधर उधर निकलते हैं, तो यह हेलमेट जवान का सिर सुरक्षित रखता है। हेलमेट का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि उस पर विस्फोट तरंगों का कोई असर नहीं पड़ता। यह 20 मीटर की दूरी से नौ मिमी कार्बाइन, एसएलआर और एके (एचएससी) जैसी स्वचालित राइफल से निकली गोलियों (अधिकतम 13 मिमी बीएफएस के साथ) से जवान का बचाव करता है। हेलमेट में कई दूसरे तकनीकी उपकरण भी लगे हुए हैं।
हेलमेट पहने हुए जवान की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित हो, इसके लिए एसीएच/पीएएससीटी डिजाइन के बोल्ट रहित विन्यास में उपयोग की जाने वाली सबसे उन्नत हल्के वजन वाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इससे किसी भी तरह की कार्रवाई के दौरान हेलमेट का वजन, जवान पर विपरित प्रभाव नहीं डालता है। हेलमेट में नाइट विजन गॉगल्स, विजर, टॉर्च, हेडफोंस, वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेस और काउंटर वेट आदि के लिए मॉड्यूलर टाइप एक्सेसरी अटैचमेंट बॉक्स लगाया गया है। बतौर श्रीकुमार, ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक भाग के रूप में बुलेट प्रतिरोधी हेलमेट को आभासी प्रदर्शनी ‘पथ टू प्राइड’ में प्रदर्शित किया गया है।
