लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के द्वारा आयोजित मासिक शोध संगोष्ठी श्रृंखला का आयोजन 29 सितंबर, 2021 को गूगल मीट के माध्यम से किया गया। संगोष्ठी का विषय “जेन वाई और जेन जी के लिए प्रतिभा प्रबंधन और प्रतिधारण रणनीति” था जिसके मुख्य वक्ता बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक, दीपक चंगा थे। उन्होंने विस्तृत तरीके से प्रतिभा प्रबंधन के बारे में बताते हुए कहा कि “सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा की पहचान करना और फिर उसे बनाए रखना आज एक नियोक्ता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है” साथ ही उसकी महत्ता पर बल देते हुए उससे जुड़े आवश्यक उपकरणों, रणनीति और मानव संसाधन प्रबंधन टीम की उपयोगिता के बारे में भी बताया। प्रतिधारण रणनीति विषय पर उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि, “ऐसा प्रेरित कार्यबल बनाना जो कि लंबे समय तक नौकरी में रहे और इस तरह कंपनी के लिए लाभप्रद कर्मचारी बने” साथ ही कामगारों के उचित वेतन मान के महत्व पर भी बल देते हुए कहा कि ” हमें कामगारों को अत्याधिक वेतन नहीं देना है परंतु हमें यह ध्यान रखना है कि स्मार्ट हायरिंग, कार्य संस्कृति और लाभों का इष्टतम संयोजन हो जिससे आपके कर्मचारियों को कार्य करने में आनंद आए साथ ही साथ वह अपने कार्य और आपकी कंपनी से प्रेम करें”
अंत में छात्रों से सवाल लेने से पूर्व उन्होंने कर्मचारी प्रतिधारण को सफलता की कुंजी बताया ।
कार्यक्रम में कला संकाय के डीन और मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख, प्रो शशि शुक्ला, मनोविज्ञान विभाग की समन्वयक, डॉ अर्चना शुक्ला, प्रो मधुरिमा प्रधान, डॉ मेघा सिंह एवं छात्र भी उपस्थित रहे।
