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BREAKING NEWS: तेज टीकाकरण से सुधरी स्थिति, विशेषज्ञों ने कहा- कोई नया वैरिएंट नहीं आया, तो तीसरी लहर भी देश में नहीं आएगी

कोरोना वायरस: देश में अभी टीकाकरण की रफ्तार फुल स्पीड में है। दो बार तो एक दिन में ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है। सरकार की पूरी कोशिश है कि साल के अंत तक पूरी वयस्क आबादी को कोरोना का टीका लगा दिया जाए। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल मानते हैं कि स्थिति कंट्रोल में है। उनकी नजरों में देश में टीकाकरण तेज गति से हो रहा है और उस टीकाकरण की वजह से ही स्थिति बेकाबू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ी उपलब्धि है, अगर कोवाक्सीन या कोविशील्ड नहीं होती तो देश के हालात बेकाबू होते।

फिलहाल अभी कोरोना की दूसरी लहर नियंत्रण में है, लेकिन तीसरी का खतरा लगातार बना हुआ है। तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना का अब कोई नया वैरिएंट नहीं आया, तो तीसरी लहर भी देश में नहीं आएगी। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत के तीसरी लहर की चपेट में आने की संभावना अब कम है।

यह संभावना उन विशेषज्ञों ने जताई है जिन्होंने भारत में कोविड-19 की प्रगति को ट्रैक करने वाला सूत्र (SUTRA) मॉडल दिया है। इस साल की शुरुआत में डेल्टा के कहर के बाद देश में अब तक नए कोरोना वायरस के किसी नए वैरिएंट का सामना नहीं हुआ है विशेषज्ञों का मानना है कि एक लहर तब आती है, जब एक संक्रामक बीमारी में भारी उछाल होता है। भारत ने अब तक दो लहरों का सामना किया है पहली अगस्त से सितंबर 2020 में और दूसरी इस साल मार्च में शुरू हुई।

आईआईटी, कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल के अनुसार, ‘अगर कोई तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं आता है, तो तीसरी लहर भी देश में नहीं आनी चाहिए। प्रो. अग्रवाल और दो अन्य विशेषज्ञों ने भारत में कोविड-19 की प्रगति को ट्रैक करने वाले ‘ससेप्टिबल, अनडिटेक्टेड, टेस्टेड (पॉजिटिव) एंड रिमूव्ड एप्रोच’ यानी सूत्र (SUTRA) मॉडल को लिखा है।

 अगर कोई नया वैरिएंट नहीं आया तो तीसरी लहर नहीं आएगी। अगर डेल्टा वैरिएंट ही रहा और कोई नया वैरिएंट नहीं आया तो समझिए हम कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई जीत रहे हैं। वहीं केरल के बिगड़े हालात पर बात करे तो देश ने कोरोना पर लगभग काबू पा लिया है, केरल में काबू पाते ही देश में काबू पाया जा सकेगा। अगले एक महीने में केरल में भी मामले काबू में आ जाएंगे।

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