डेल्टा वैरिएंट : टीकाकरण के बाद संक्रमण को लेकर अब तक देश में करीब एक दर्जन से भी अधिक चिकित्सीय अध्ययन सामने आ चुके हैं लेकिन पहली बार टीका लगवाने वालों में 25 फीसदी से अधिक संक्रमण दर्ज किया गया है। डेल्टा स्वरूप की वजह से दिल्ली में हर चौथा वैक्सीन लेने वाला स्वास्थ्यकर्मी फिर से संक्रमण की चपेट में आया है। हालांकि टीका लगने की वजह से इनमें से कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ और न ही इनमें किसी की मौत दर्ज की गई।
नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक डॉ. शांतनु सेन की निगरानी में वैज्ञानिकों को मैक्स अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों पर अध्ययन में पता चला है कि टीके के बाद 25.30 फीसदी कर्मचारियों को फिर से कोरोना संक्रमण हुआ लेकिन खतरनाक नहीं था।
आईजीआईबी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि इस अध्ययन में सीरो पॉजीटिविटी दो तिहाई मिली है जिसके लिहाज से यह कहना गलत नहीं है कि वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को विशेष सावधानी रखना जरूरी है। वैक्सीन लेने के बाद कोरोना हो सकता है लेकिन भविष्य में अगर कोरोना का कोई अन्य म्यूटेशन सामने आता है तो उसके परिणाम खतरनाक नहीं होंगे।
