कोविड-19: भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल अक्तूबर में डब्ल्यूटीओ को एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी को रोकने या इसके उपचार से जुड़ी चीजों पर ट्रिप्स एग्रीमेंट के कुछ प्रावधानों में छूट दिए जाने का आग्रह किया गया था। इस साल मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका व इंडोनेशिया के साथ 62 सह प्रायोजकों ने एक संशोधित प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ के सामने रखा था।इस प्रस्ताव पर अभी तक निर्णायक फैसला नहीं हो सका है।
लेकिन अब भारत कोरोना टीकों और चिकित्सकीय उपकरणों से जुड़े अपने ट्रिप्स वेवर (पेटेंट छूट) प्रस्ताव पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से जल्द निर्णय चाहता है। सरकार की तरफ से शनिवार को बताया गया कि केंद्रीय उद्योग व व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिक्स देशों के वाणिज्य व वित्त मंत्रियों की बैठक में इस प्रस्ताव पर जल्द फैसले लेने की जरूरत पर जोर दिया।
गोयल ने शुक्रवार को आयेाजित एक बैठक में टीकों पर पेटेंट छूट पर जल्द फैसले के अलावा खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए पब्लिक स्टॉक होल्डिंग प्रोग्राम के लिए एक स्थायी, पर्याप्त और न्यायसंगत समाधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने डाटा संरक्षण व साइबर सुरक्षा चुनौनियों का समाधान खोजते हुए तेजी से बदल रही दुनिया में उभरती नई तकनीकों के उपयोग की भी वकालत की। साथ ही टिकाऊ खपत व उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
पेटेंट छूट मिलने की स्थिति में सभी तरह के उपलब्ध टीकों, दवाइयों और संबंधित उपकरणों का निर्माण किसी भी देश की कोई भी कंपनी कर सकेगी। भारत और अफ्रीका का कहना है कि ऐसा होने पर जल्द से जल्द ज्यादा मात्रा में दवाइयां व टीके उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे गरीब देशों में भी टीकाकरण अभियान तेजी से चलाकर इस महामारी को खत्म किया जा सकेगा।
