उपलब्धि: सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षामंत्री राजनाथ राजस्थान के बाड़मेर में बने नेशनल हाइवे पर भारतीय वायुसेना इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन करेंगे। पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर देश की वायुसेना आज इतिहास रचने जा रही है। इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) के रूप में देश को पहला ऐसा नेशनल हाईवे मिलने जा रहा है, जहां वायुसेना के लड़ाकू विमान उतरेंगे। यहां सेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर लैंड करेंगे।
भारत-पाक सीमा से महज 40 किमी दूरी पर बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी हाइवे हवाई पट्टी का उद्घाटन करने के लिए दोनों केंद्रीय मंत्री एक साथ दिल्ली से रवाना होकर सीधे हाइवे पर लैंड करेंगे।
इसे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी में बेहद उपयोगी साबित होगा। 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है।
बुधवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार होगा जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट होगा।
रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया।
